संजयराज राजपुरोहित 's Album: Wall Photos

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"तिब्बत को एक स्वतंत्र देश घोषित करे" - अमेरिकी संसद में विधेयक लाया गया :-

- अमेरिका-चीन तनाव ने एक नया मोड़ लिया है ,अमेरिका में तिब्बत को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने के लिए नया "विधेयक" लाया गया है ।

- अगर यह बिल या विधेयक पारित हो जाता है तो हमे बहुत से बदलाव देखने को मिल सकते है ।

- विस्तार से जानते है पूरा मामला :-

1. तिब्बत , और चीन-तिब्बत विवाद :-

- तिब्बत 1950 से पहले एक पृथक देश के रूप में जाना जाता था , तिब्बत में लगभग 8वी शताब्दी के बाद से ही बौद्ध धर्म को अपना लिया गया था और बौद्ध धर्म यहां के लोगो का मुख्य धर्म है ।

- तिब्बत के बौद्ध धर्म मे सबसे मुख्य पद "दलाई लामा" होता है , यह "दलाई लामा" बौद्ध धर्म के नियम के अनुसार चुना जाता है ,और दलाई लामा ही इनके देश ,सरकार और धर्म का मुखिया होता है और पूरे देश को चलाता है ,जैसे भारत मे प्रधानमंत्री देश को चलाते है वैसे ।

- 1950 में चीन में ग्रह युद्ध के दौरान चीन ने तिब्बत पर कब्ज़ा कर लिया था , और चीन ने तिब्बत का स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा खत्म कर दिया था और तिब्बत को "Autonomous Region of China" का दर्जा दिया था , इसका यह मतलब हुआ के तिब्बत की विदेश नीति , बाहरी देशो के साथ संबंध ,व्यापारिक इत्यादि सब चीन तय करेगा और तिब्बत की सरकार को सिर्फ अपना स्थानीय शासन चलाने की अनुमति दी गयी थी लेकिन उसमें भी बहुत सी पाबंदिया लगा दी थी चीन ने ।
- तिब्बत में 1950 के दौर में चीन के खिलाफ बहुत से विद्रोह उठे लेकिन चीन ने लाखो तिब्बत के लोगो की हत्या करके विद्रोह को दबा दिया , और इसी के चलते तिब्बत के 14वे "दलाई लामा" ने तिब्बत को छोड़ दिया और भारत मे शरण ले ली ।
- अब मैक्लेओडगंज , धर्मशाला ,हिमाचल प्रदेश में तिब्बत के 14वे दलाई लामा रहते है और यही से तिब्बत की सरकार चलाते है ।
- 14वे "दलाई लामा" का नाम "तेनजिन ग्यात्सो" है ,और इनकी उम्र 80 वर्ष के करीब है ।

2. चीन और पंचेन लामा विवाद :-

- दलाई लामा पद के बाद महत्वपूर्ण पद होता है "पंचेन लामा" , जिसे छोटी उम्र में ही चुना जाता है दलाई लामा द्वारा बौद्ध धर्म के अपने नियमो के अनुसार , और उसे पूरी शिक्षा दी जाती है ,ताकि जब दलाई लामा की मृत्यु हो उसके बाद अगला दलाई लामा उसे बनाया जाता है ।

-1995 में 14वे दलाई लामा ने एक 6 साल का छोटे बच्चा जिसका नाम "गेधुन चोएकयी नईमा" था उसे पंचेन लामा के लिए चुना , मतलब की 15वा दलाई लामा बादमे इसे बनाया जाएगा ।
- लेकिन इस घोषणा के कुछ दिन बाद ही चीन ने इस बच्चे को गायब करवा दिया और 1995 से आज 2020 तक इससे बच्चे की खबर किसीको नही है कि कहा है यह बच्चा ।
- और चीन ने बादमे "ज्ञाइन्सिन नोरबू" नाम के बच्चे का नाम आगे किया और कहा के इसे अगला दलाई लामा बनाया जाए , लेकिन 14वे दलाई लामा और उनके समर्थकों ने इसको मंजूरी नही दी , और यह विवाद अभी तक चला आ रहा है ।

3. अमेरिका द्वारा पेश किया गया बिल :-
- हालांकि अमेरिका ने इस बिल से पहले भी तिब्बत को लेके कुछ बिल पारित किए है , लेकिन यह वाला "Declare Tibbet as Independent Country" बिल ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें तिब्बत को अब एक अलग देश का दर्जा देने की बात कही है ।
- अगर यह बिल पारित हो जाता है तो निम्न बाते होंगी :-
A. यह बिल कहता है के अगला दलाई लामा चुनने का हक़ सिर्फ 14वे दलाई लामा को ही है , और उनकी इच्छानुसार ही चुना जाएगा , और चीन ने जिस पंचेन लामा को 1995 में हिरासत में लिया था उसकी वर्तमान स्तिथि के बारे में चीन स्पष्टीकरण दे ।

B. बिल के पारित होने के बादमे अमेरिका का राजदूत कार्यालय तिब्बत में स्थापित हो जाएगा और तिब्बत के राजदूत कार्यालय अमेरिका में स्थापित हो जाएगा , और तिब्बत अपने विदेश नीति के फैसले खुद ले सकेगा ।

C. तिब्बत को धरती का तीसरा ध्रुव भी कहा जाता है क्योंकि उतरी और दक्षिणी ध्रुव के बाद सबसे ज्यादा बर्फ तिब्बत में है , इसलिए इस बिल में "ग्लोबल वार्मिंग" के चलते यहां के पर्यावरण के संरक्षण को लेके भी बात की गई है । इत्यादि ।

- अगर चीन इस बिल को नही मानता है पारित होने के बाद तो अमेरिका चीन के राजदूत इत्यादि पे वीज़ा वगेरह के प्रतिबन्ध लगा सकता है , व्यापार , आर्थिक रूप से चीन पे कड़े प्रतिबन्द लगा सकता है ।

4. भारत पे इस बिल का क्या प्रभाव पड़ेगा :-

- असल मे चीन की भारत के साथ कोई सीमा नही लगती है , लेकिन तिब्बत की भारत के साथ सीमा लगती है और तिब्बत चीन के कब्जे में और सिर्फ इसीलिए चीन और भारत मे सीमा विवाद चल रहा है
,अगर तिब्बत अलग राष्ट्र बन जाता है तो भारत चीन का यह सीमा विवाद खत्म हो जाएगा ।
- इसके अलावा तिब्बत भारत और चीन के बीच मे "buffer state" की तरह है , दो परस्पर शत्रु देशों के बीच स्थित देश को अन्तस्थ राज्य या बफर स्टेट कहते हैं। माना जाता है कि अन्तस्थ राज्य के अस्तित्व के कारण वे शत्रु देशो में सीधे तरीके से युद्ध नही हो पाते है और इससे युद्ध जैसी स्तिथियों से बचा जा सकता है अगर तिब्बत अलग राष्ट्र बन जाता है तो।
- इसके अलावा ब्रह्मपुत्र जैसे नदियों का उदगम स्थल तिब्बत है ,जो कि भारत के लिए महत्वपूर्ण नदी है , बिल पारित होने के बाद चीन का इस नदी से कब्जा भी हट जाएगा जिसके कारण चीन न तो इस नदी को रोक पायेगा और न भारत पे दबाव बना पायेगा ।
- इसके अलावा तिब्बत के साथ भारत के बहुत से सांस्कृतिक रिश्ते भी है जैसे बौद्ध धर्म इत्यादि ।

5. निष्कर्ष :- चीन ने इस बिल को लेके ज्यादा कुछ कहा नही है , हालांकि यह जरूर कहा है के चीन का आंतरिक मामला है यह अमेरिका इसमे दखल न दे।
- अब आगे की स्तिथि बिल पारित होने के बाद ही आता चलेगी ।

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