Ranjeet Rai's Album: Wall Photos

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ये किताब पढ़ रहा था। और ये किताब कहती है की तथाकथित दलितो से जितना दूर रहो उतना अच्छा....वरना ज़िंदगी नरक बन जाएगी....ऐसा इस किताब का सार है।

भारतीय समाज मे कोई भेदभाव न था।।मगर अंग्रेज़ो के आने के बाद एक फर्जी "दलित" शब्द का जन्म हुआ। और यही से शुरुवात हुई एक मूर्ख कौम की .....जो अब सवैधानिक तौर पर एक अछूत जाति बनती जा रही हैं। समाज नही बल्कि सम्विधान और तथाकथित दलितो की घिनौनी राजनीति अब इन्हें अछूत बना रही है।

इस एक्ट पर जब चर्चा होती है तो तथाकथित दलित चिंटू चिंतक कहते फिरते है कि ...

हम पर अत्याचार होता है
5 हज़ार सालो से अत्याचार हुआ है...इसीलिए ये एक्ट बनाने की नौबत आई....

वही घिसा पिटा राग....मगर सत्य क्या है ये हम सभी अच्छे से जानते है। सिर्फ मूर्खो का वोट लेने के लिए एक ओछी राजनीति की जाती है।

यू तो इस एक्ट में बहुत सी सड़ी गली बाते लिखी है मगर कुछ ऐसे कानून बनाये गए है जो न्याय की खुल्लम खुल्ला हत्या करते है।

धारा 18:-- अग्रिम जमानत मान्य नही होगी
धारा 18