कश्मीर को अगर इस्लामिक स्टेट कहें तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि यहाँ पर लगभग 99% मुस्लिम हैं, और 1% से भी कम में हिंदू, सिख आदि हैं।
जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों ने सोमवार (जून 8, 2020) को कॉन्ग्रेस के हिंदू सरपंच अजय पंडित (भारती) की गोली मारकर हत्या कर दी।
कई बुद्धजीवी जब कहते हैं कि
“देश में एक इस्लामिक स्टेट है और वो कश्मीर है। तो इसे आप हल्के में मत लीजिए, जो चीज इराक और सीरिया में होती आ रही है वही कश्मीर में भी हो रहा है और यह 13वीं शताब्दी से हो रहा है। आज भी 21वीं शताब्दी में इराक और सीरिया में हो रहा है, कश्मीर में उसी का प्रतिबिंब दिख रहा है और यही असलियत है।”
कश्मीरी हिन्दु जनर्लिस्ट दिव्या राजदान कहती हैं कि “कश्मीर में 700 साल से ज्यादा से कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार होता आ रहा है और हमारा जनेऊ हमेशा में रक्त में लिपटा रहा है।
आज यह समय आ गया है कि हम समझें कि यह स्थिति काफी गंभीर है, क्योंकि इसका जो मूल कारण है, वो इस्लाम से आता है। अजय पंडिता की बात करें तो उन्होंने कोई ऐसा अपराध नहीं किया था कि उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाए। उनका अपराध बस इतना था कि उनका नाम अजय पंडिता था, वो जेनेऊधारी थे, इसीलिए उन्हें मौत की नींद सुला दिया गया।”
अब भी 1990 की तरह की ही स्थिति है, जब हिंदुओं का 7 बार नरसंहार हुआ। मगर कश्मीर में अब हमारा 8 वीं बार नरसंहार नहीं होगा, क्योंकि उसके लिए हम बचेंगे ही नहीं.......