Pt Udayprakash Sharma's Album: Wall Photos

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मूलाधार चक्र जिसका भी असंतुलित होता है वह व्यक्ति जीवन में कभी भी स्थायित्व नहीं प्राप्त कर सकता पृथ्वी तत्व का बिगड़ना अर्थात जीवन में संघर्ष का बढ़ना, बिल्डिंग कितनी मजबूत होगी यह उसकी नीव से ही निर्धारित होता है वह जितनी ठोस धरातल पे खड़ी होगी उतनी ही मजबूत होगी, ऐसा व्यक्ति आर्थिक और शारीरिक दोनों तरह से कमजोर होगा उसके लिए अपने जीवन में संबंधों को संभलना भी मुश्किल होता है, वह नकारात्मक शक्तियों की चपेट में जल्दी आ जाता है, नजर दोष, टोने टोटके से भी वह जल्दी से प्रभावित होता है तथा उसके भयभीत व संक्रमित होने का खतरा भी ज्यादा होता है, वह खुद को हमेसा असुरक्षित महसूस करता है ।

इस चक्र का मध्यम या उससे कम गती पे कार्य करना अच्छा माना जाता है I योगशास्त्र के अनुसार मूल बंद का आसन विशेष लाभदायी होता है। इसमें विशेष आसन में गुदा द्वार को संकुचित करना होता है I अभिप्राय है की व्यक्ति का मूलाधार जितना बंद होगा वह नकारत्मक उर्जा को कम अवशोषित करेगा जिससे उसका स्वास्थ्य व मन उत्तम होगा I

वहीँ इस चक्र के उच्च गति पे कार्य करने से व्यक्ति ज्यादा....https://www.udayvastu.com/2020/04/muladhara-chakra.html