अशोक "प्रवृद्ध"'s Album: Wall Photos

Photo 2 of 29 in Wall Photos

वाणी
प्यारी श्रुति सरस्वती, सरस कर धरा व्योम ।
वाणी रसधार बरसा , सर्वत्र गूंजे ओम।।1।।


प्रिय यज्ञमय वेद वाणी, बरसाती मधुकोष।
रसमय वाक कल्याणी, सुन हर्षित मन पोष।।2।।


औषधि समान मधुर वाणी, कड़ुए वचन हैं तीर।
श्रवण द्वार हो संचरे, सम्पूर्ण सकल शरीर।।3।।


सत्य बात कहते रहो, चाहे जो हो असर।
झूठ के सहारे कभी, जीवन होत न बसर।।4।।


आग लगे या बजर गिरे, बोलते रहें सत्य ।
चाहे कुछ असर होवे, नहीं बोलें असत्य।।5।।