Paresh Jha 's Album: Wall Photos

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मैं सागर।
मेरे तट पर वह रंगभूमि है
जिसपर कभी नहीं आया मैं,
करके मर्यादा को पार।
मेरे तल में जो पड़े हुए हैं
मणि-मुक्ता के कोष अपार,
तल से लाकर तट पर रख दूँ
इसीलिये उपजाता ज्वार।