#हिंदुस्तान से अलग होने वाला देश का नाम पाकिस्तान ही क्यों रखा ?
क्या आपको मालूम है असल में "पाकिस्तान" शब्द का जनक सियालकोट का रहने वाला 'मुहम्मद इकबाल' था जो कि जन्म से एक कश्मीरी ब्राह्मण था, परन्तु बाद में मुसलमान बन गया था !
और हाँ गौर करने वाली बात ये है कि ये वही मुहम्मद इकबाल है.... जिसने प्रसिद्द सेकुलर गीत ........ "सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा" लिखा था ! जिस इकबाल ने अपने गीत में लिखा था कि... ""मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना"" वही इकबाल दूसरी तरफ अपनी एक किताब "कुल्लियाते इकबाल" में अपने बारे में लिखता है....
"मिरा बिनिगर कि दर हिन्दोस्तां दीगर नमी बीनी, बिरहमन जादए रम्ज आशनाए रूम औ तबरेज अस्त" अर्थात... मुझे देखो......... मेरे जैसा
हिंदुस्तान में दूसरा कोई नहीं होगा... क्योंकि, मैं एक ब्राह्मण की औलाद हूँ...... लेकिन, मौलाना रूम और मौलाना तबरेज से प्रभावित होकर मुसलमान बन गया...!
कालांतर में यही इकबाल....... मुस्लिम लीग का अध्यक्ष बन गया.... और, हैरत कि बात है कि...... जो इकबाल "सारे जहाँ से अच्छा हिदोस्तान हमारा" .. लिखा ...और, ""मजहब नहीं
सिखाता ....आपस में बैर रखना"" ..... जैसे बोल बोले थे... उसी दोगले इकबाल ने ....... मुस्लिम
लीग खिलाफत मूवमेंट के समय ...... 1930 के
इलाहाबाद में मुस्लिम लीग के सम्मलेन में कहा था "हो जाये अगर शाहे खुरासां का इशारा, सिजदा न करूं हिन्दोस्तां की नापाक जमीं पर"
यानि.... यदि तुर्की का खलीफा अब्दुल हमीद इशारा कर दे...... तो, मैं इस "नापाक हिंदुस्तान" पर नमाज भी नहीं
पढूंगा...! बाद में...... इसी " नापाक" शब्द का
विपरीत शब्द लेकर "पाक " से "पाकिस्तान " बनाया
गया ...... जिसका शाब्दिक अर्थ है .....(मुस्लिमों के लिए) पवित्र देश ...! कहने का तात्पर्य ये है कि..... हिन्दू बहुल क्षेत्र होने के कारण.... मुस्लिमों को हिंदुस्तान ""नापाक"" लगता था....
इसीलिए... मुस्लिमों ने अपने लिए एक अलग देश की मांग की.... तथा अपने तथाकथित पवित्र देश का नाम ... "पाकिस्तान"... रख लिया...! अब इस सारी कहानी में.... समझने की बात यह है कि....... जब एक कश्मीरी ब्राह्मण के धर्मपरिवर्तन करने के बाद.... अपने देश और अपनी मातृभूमि के बारे में सोच ... इतनी जहरीली हो सकती है...इसलिए अब समय की मांग है कि . इन झूठे सेक्युर के बहकावे से दूर होकर सब एक बने जाति और क्षेत्रवाद का भेद भूलकर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और कच्छ से लेकर असम तक सारे हिन्दुओ को एक ही होना होगा। जय श्री राम