कुछ कोंग्रेसी/कम्युनिस्ट नेता जीवनभर खुद "दलित-आदिवासी" होने का "नाटक" करके पॉलिटिक्स में रहकर बहुत मलाई ले लेते है .. !! प्लस.. इस धोखेबाजी से आरक्षण की मलाई भी चाट लेते है !!
जब उनकी मौत होती है और अंतिम संस्कार करना होता है , तब लोगों को "सच्चाई" पता चलती है !!
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बाकी
प्रभु श्रीराम "मृत आत्मा" को "शान्ति" प्रदान करें...