झारखंड की कांग्रेस व् झामुमो सरकार ने लद्दाख में चीन सीमा के पास मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर और रोड निर्माण के लिए बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) द्वारा श्रमिकों की भर्ती की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
बीआरओ को संथाल परगना डिवीजन में दुमका में एक भर्ती अभियान आयोजित करना था ताकि निर्माण श्रमिकों को काम पर रखा जा सके।
झारखंड सरकार ने पहले बीआरओ के अनुरोध को मंजूरी दे दी थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपने फैसले को रद्द कर दिया,
कितनी रोचक बात है ना कि इस समय झारखंड में जिस कांग्रेस पार्टी की सरकार है उसी कांग्रेस ने तिब्बत और अक्साई चिन चीन को प्लेट में सजाकर दे दिया था , इसी कांग्रेस पार्टी की साम्राज्ञी सोनिया गांधी मनमोहन को कठपुतली की तरह इस्तेमाल कर जब सुपर प्राइम मिनिस्टर बन कर बैठी हुई थी तो चीन को भारत का 640 वर्ग किलोमीटर का इलाका कब्जा करने दिया था और सियाचिन भी पाकिस्तान को देने की पूरी तैयारी कर ली थी,
उसके बाद जब डोकलाम का विवाद हुआ और भारतीय सेना चीनी सेना के सामने बंदूक पाने खड़ी थी तो उस समय यही कांग्रेस पार्टी और इसके शहजादे राहुल गांधी चीनी एम्बेसडर और चीनी अधिकारियों संग बंद कमरे में गुप्त मीटिंग करते फिर रहे थे, और जिसके बाद मीडिया के सामने आकर भारत सरकार के विरुद्ध और चीन के पक्ष में निरंतर बयान जारी कर रहे थे।
और आज जब यह कांग्रेस व् गांधी परिवार झारखंड की सत्ता में है, तो चीन से लगने वाली सीमा पर भारतीय सेना को सशक्त बनाने हेतु आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर और सड़क बनाने वाले संगठन बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन को अपने शासित राज्यों से लेबर तक देने में बाधा उतपन्न कर रहे हैं, स्वयं विचार कीजिए कि इस कांग्रेस और गांधी परिवार की निष्ठा भारत के हितों के प्रति है अथवा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति ?