कहने को केरल साक्षर राज है लेकिन हैवानियत हिंसा में सबसे आगे है
पिछले साल एक आदिवासी युवक मधु कुंडा रप्पा को भूख लगने पर थोड़ा सा चावल चुराने पर शांति दूतों की भीड़ ने उनसे बात कर पीट पीट कर मार डाला था और जब इस युवक का दम निकल रहा था तब कई शांति दूतों ने मरते और तड़पते युवक के साथ सेल्फी ली थी
पिछले साल ही उसी मल्लपुरम में कम्युनिस्ट कमेटी ने कहा कि जो कुत्तों को मार कर लाएगा उसे पैसा मिलेगा उसके बाद पूरे मल्लापुरम हजारों कुत्तों को बेदर्दी से मार डाला गया और लोग कुत्तों के शव को कम्युनिस्ट ऑफिस में लाकर पैसे लेते थे
सोचिए जिस केरल में हमारे प्रथम शंकराचार्य पैदा हुए जिस केरल को देव भूमि कहा जाता है आज उस केरल में क्या हाल हो गया