ये हैं शाकिब। जिसने अमन बन हिन्दू लड़की को फंसाया और फिर लूट कर हत्या कर दी।
मुद्दा यह नहीं है, मुद्दा है, इस्लामी तालीम के इदारे "दारुल-उल-उलूम" या "नदवा" से आप लिखित सवाल कीजिए, क्या एक मुसलमान का हिन्दू बनकर किसी हिन्दू या गैर मुस्लिम को लड़की को फंसाना जायज है ? और सिर्फ फंसाया ही नहीं, बल्कि हिन्दू तरीके से शादी की।
क्या यह कुरान सम्मत है ?
सुन्नत है ? हदीस के मुनासिब है ?