फोटो में शीश पर लाल टोपी लगाए खड़े व्यक्ति का नाम विशंभर यादव है जो मुरादाबाद के निवासी हैं समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता हैं और पिछले 13 वर्षों से समाजवादी पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं
महोदय समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के इतने बड़े प्रशंसक हैं कि इन्होंने अपने सीने पर अखिलेश यादव का नाम तक टैटू करवा रखा है,
इनके किस्से और यह फोटो देखकर आप यह समझ रहे होंगे समाजवादी पार्टी तो वैसे भी यादव समाज की पार्टी है इसीलिए समाजवादी पार्टी में विशंभर यादव एक महत्वपूर्ण स्थान रखते होंगे और आगे चलकर भविष्य में समाजवादी पार्टी के बड़े पदों पर रहकर महत्वपूर्ण सक्रिय राजनीतिक भूमिका निभाएंगे,
परंतु हुआ यह की इस कोरोना की त्रासदी में विशंभर यादव ने तबलीगी जमात के शांतिदूतों द्वारा डॉक्टरों और नर्सों पर जानलेवा हमला, पथराव, हाथापाई, थूकने व् मल मूत्र व् थूक द्वारा दूसरों को संक्रमित करने वाले आचरण की सार्वजनिक रूप से निंदा कर दी, और शांतिदूतों के इस आचरण को अनुचित और गैर जिम्मेदार घोषित कर दिया,
देखा जाए तो बात गलत भी नहीं थी पूरे भारत ने वह समाचार, वीडियो और दृश्य टीवी-मोबाइल पर देखे थे और वह सभी विषय बड़ी चर्चा का विषय भी बने थे,
अब यह तो आप जानते ही हैं कि समाजवादी पार्टी M +Y समीकरण के आधार पर ही टिकी हुई है विशंभर यादव यह मान बैठे थे की क्योंकि अखिलेश यादव Y हैं और वह भी Y हैं तो उन्हें सत्य बोलने से डरने की कोई आवश्यकता नहीं,
परंतु विशंभर यादव पूर्णता गलत थे, उनके द्वारा यह कड़वा सत्य सामने रखते ही पार्टी के शांतिदूत नेताओं ने उनकी शिकायत अखिलेश यादव से कर दी और अखिलेश यादव ने पार्टी के M फैक्टर को अनुचित महत्व देते हुए अपने ही समाज के विशंभर यादव को पार्टी से बाहर कर दिया,
सोचिए जो विशंभर यादव 13 वर्षों से समाजवादी पार्टी के साथ लगा हुआ था समाजवादी पार्टी के अच्छे बुरे कार्य को जस्टिफाई करता था यहां तक कि उसने अखिलेश यादव का नाम तक अपने सीने पर टैटू करवा रखा था उस व्यक्ति को अखिलेश यादव ने केवल शांतिदूत तुष्टीकरण हेतु और वोट बैंक के लिए मात्र सत्य बोलने पर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
यह समाजवादी पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता को देखने और समझने वाली घटना है जिससे वे भी अनुमान लगा सके कि वास्तव में इस समाजवादी पार्टी में किसकी चलती है और कौन इस पार्टी पर पूरी पकड़ रखता है वह कौन है जो इस पार्टी में सबसे अधिक महत्व रखता है, कल्पना कीजिए जब यादव समाज से संबंध रखने वाला विशंभर यादव जो अखिलेश यादव का इतना बड़ा समर्थक भी है को मात्र सत्य कहने के लिए अखिलेश यादव द्वारा पार्टी से निकाल दिया गया तो समाजवादी पार्टी के बाकी कार्यकर्ताओं की पार्टी में क्या बिसात है ?