करीब 8 साल पुरानी बात है, राजीव दीक्षित का व्याख्यान सुन रहा था,.. भारत के टीवी सीरियल्स के बारे में,.. वो बता रहे थे की एकता कपूर के टीवी सीरियल्स की स्क्रिप्ट अमेरिका में लिखी जाती है.
मुझे उनकी बात सही नहीं लगी. मुझे लगा की ये आदमी बिना वजह अमेरिका को घसीट रहा है. तब मुझे ईसाई मिशनरियों की धूर्तता के बारे में कुछ नहीं मालूम था.
मैंने सोचा की अमेरिका जैसे विकसित देश को क्या पड़ी है एक थर्ड वर्ल्ड के गरीब देश के सेरिअल्स की स्क्रिप्ट लिखने की.
दरअसल राजीव भाई थोड़ी गलती कर गए,.. उनको अमेरिका नहीं बल्कि ईसाई मिशनरी कहना चाहिए था,
आज भारत में सबसे ज्यादा मिशनरी अमेरिका से आ रहे हैं. टूरिस्ट वीसा लेकर आते हैं,.. और धर्म परिवर्तन करवाते हैं.,..
और उनके जमीन तैयार करती है एकता कपूर और उनके जैसे अन्य लोग,.. जो अपने सीरियल में भारतीय परिवारों के बारे में इतनी नकारात्मक बातें
दिखाते हैं जिससे परिवारों में एक दुसरे पर विश्वास नहीं रह जाता और वो आसानी से बाहरी लोगों की बातों में आ जाते हैं,..
आज कल एकता कपूर फ़ौजिओं के परिवार के बारे में अनाप शनाप दिखा रही है,.. ये भी टुकड़े टुकड़े गैंग का हिस्सा है