Ghanshyam Prasad's Album: Wall Photos

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चीन से कल की वार्ता के दो परिणाम निकले । पहला तो यह कि वास्तविक नियन्त्रण रेखा के भारतीय दावे और चीनी दावे के बीच तक चीनी सैनिक वापस लौट गये जिसे संलग्न चित्र में “C2” लिखा गया है । हाल में चीन ने “C1” पर अपना कैम्प डाल दिया था जहाँ तक १९९९ ई⋅ में कारगिल युद्ध में भारत की व्यस्तता के कारण चीन ने चुपचाप सड़क बना दी थी । उस सड़क पर चीन की छोटी गस्ती गाड़ी C1 पर जाकर ही वापस मुड़ सकती है जिस कारण चीन की जिद है कि C1 तक LAC माना जाय जिसे भारत मानने के लिये तैयार नहीं क्योंकि १९९९ ई⋅ में चीन ने धोखे से सड़क बनायी थी और भारत के सैनिक फिंगर−८ तक गस्ती लगाते रहे हैं । चीनी दावे वाली LAC चित्र में पतली लाल रेखा है और भारतीय दावे वाली LAC मोटी नीली रेखा है । कल तय हुआ कि फिलहाल दोनों रेखाओं के बीच तक चीनी सैनिक लौट जायें । चित्र में फिंगरों को लाल संख्याओं द्वारा दर्शाया गया है । चीनी अड्डा चित्र से बहुत बाहर दाहिनी ओर है ।

दूसरा निर्णय यह हुआ कि उपरोक्त अस्थायी चीनी कैम्प स्थायी तौर पर कहाँ रहे इसका समाधान आगे की वार्ता में हो और युद्ध न हो । भारत अभी उसे और पीछे धकेलना चाहता है ।

चीन को पीछे लौटना पड़ा,जो सिद्ध करता है कि चीन केवल बन्दरघुड़की दे सकता है,भारत से युद्ध नहीं लड़ सकता । युद्ध नहीं लड़ सकता तो धोखा देकर भारतीय क्षैत्र में क्यों घुस आया था?घुस आया था तो पीछे क्यों लौटा,डटे रहता!एक बार दो−दो हाथ हो ही जाये ताकि भारत और पाकिस्तान के चीनपुत्रों की आँखें भी खुल जायें ।

विनय झा