#सदाबहारी_आम :-
सर्दी गर्मी बरसात हर मौसम में यदि आम मिलें तो ऐसे आम को सदाबहारी आम कहते हैं,
ऐसा कर दिखाया है गिरधरपुरा कोटा के पिंटू सैनी ने,
बीमार बेटे ने जिद् पकड़ ली पापा आम खाना है, बेबस पिता बेमौसम आम कहाँ से लाता,
पिता ने जिद् पकड़ ली कि बेमौसम आम लाना ही है,, आखिर में भी माली हूँ,,
कलम, ड्राफ्टिंग, इधर का उधर पता नहीं उद्यानिकी ही जाने आखिर
सपना साकार हुआ , सदाबहारी का पेटेंट हुआ,
दुनियाँ भर के अवार्ड मिले, राष्ट्रीय स्तर पर पहुँच मिली,, 1700 रु से लेकर 5000 तक के आम के पोधे बिकने लगे,
बहुत डिमांड है,,, आजीविका का साधन बना
सदाबहारी में हमेशा ही बौर ( आम्रमंजरी) आते रहते हैं, हमेशा ही फल लगे रहते हैं,
अल्फांसो का स्वाद है, केसरिया रंग है, मोटा गूदा है, बचपन से ही आम चालू,,,!