आज कांग्रेस सेना के शौर्य पर सवाल उठा कर जितनी नीचता कर रही है उसका कारण इस तस्वीर में है!
2008 में कांग्रेस पार्टी ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से एक समझौता किया था! चित्र में आप सोनिया गांधी, शी जिनपिंग और राहुल गांधी को स्पष्ट रूप से देख सकते है!
उस वक़्त कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी थी और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष शी जिनपिंग थे!
आपने दो देशों के बीच समझौता सुना होगा, लेकिन क्या कभी 2 देशों की राजनैतिक पार्टियों के बीच समझौता सुना है ? ये अपने आप में बड़ी विचित्र घटना थी!
इस समझौते में तय हुआ, दोनों देशों की पार्टियां सत्ता में रहे या ना रहे लेकिन एक दूसरे से अपने देश की गुप्त सूचनाएं साझा करेंगी। दोनों पार्टियां सदैव एक दूसरे की वफादार रहेंगी।
यही वो कारण है जो डोकलाम के समय राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, रॉबर्ट वाड्रा समेत पूरा परिवार चीनी राजदूत से गुप्त मुलाकात करता पकड़ा जाता है!
यही वो कारण है कि सोनिया गांधी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भारत पर चीनी हमले के समय जनता के मन में मोदी सरकार के प्रति अविश्वास पैदा करने के मकसद से तरह तरह के ऊल जलूल सवाल पूछ रहे है! भारत सरकार की चीन के खिलाफ रणनीति पूछ रहे है ताकि चीन तक इसे पहुंचा कर वफादारी निभा सकें।
यही वो कारण है कि चीन के खिलाफ ट्विटर पर ट्वीट करने मात्र से कांग्रेस नेता संजय झा को प्रवक्ता पद से हटा दिया जाता है! लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और बंगाल से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के बयान से कांग्रेस पार्टी किनारा कर लेती है!
आल पार्टी मीटिंग में सेना द्वारा सभी दलों को भारत चीन के बीच हुए टकराव की पूरी प्रजेंटेशन देने के बाद सभी दलों ने एक स्वर में सरकार और सेना का बिना किसी शर्त के समर्थन किया।
लेकिन कांग्रेस पार्टी और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ने चीन के प्रति वफादारी के चलते मोदी सरकार से बेबुनियाद सवाल पूछ कर एक बार फिर सेना के शौर्य और पराक्रम पर संदेह किया है!
राहुल गांधी ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सरेंडर मोदी कहकर सेना का अपमान कर रहे है। राहुल गांधी के मुताबिक मोदी ने चीन के सामने सरेंडर कर दिया। अर्थात सेना ने चीन के सामने सरेंडर कर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, न तो कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है। लेकिन राहुल बाबा को चीन के प्रति वफादारी भी तो निभानी है, इसलिए राहुल बाबा प्रधानमंत्री के आश्वासन के बाद ट्वीट करते है कि सेटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक साफ दिखता है कि चीन ने भारत माता की पावन धरती पर कब्जा कर लिया है।
क्या राहुल गांधी का ये ट्वीट भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम और वीरता का अपमान नहीं है? क्या हमारे वीर जांबाजों के होते चीन भारत माता की पावन धरती पर कब्जा कर सकता है? राहुल गांधी मोदी सरकार को कमजोर साबित करने की अपनी जिद्द के चलते बार बार देश और देश की सेना को कमजोर साबित करने की कुचेष्टा कर बैठते है।
मोदी विरोध में कांग्रेस पार्टी देशविरोधी हो चुकी है। कांग्रेस पार्टी की देश के प्रति चिंताएं मात्र ढोंग है दिखावा है। चिंता होती तो 2013 में हमारे सैनिकों को एलएसी पर पीछे हटने को न कहती। चिंता होती तो सेना के लिए 10 वर्षों के कुशासन में बुलेप्रूफ जैकेट, बुलेटप्रूफ हेलमेट, आधुनिक हथियार, नाइट विजन, हीट विजन जैसे आधुनिक उपकरण, राफेल विमान, लड़ाकू हेलीकॉप्टर आदि खरीद कर देती। लेकिन 10 वर्षों को सत्ता की मलाई चाटते हुए सिर्फ घोटालों और चीन के प्रति वफादारी को MoU साइन करके मजबूत करने में ही लगाया।
देश को मजबूत करने का सोचना तो दूर बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट 1999-2004 के बीच अटल जी ने शुरू किए थे, उसको ये लोग 10 वर्षों में भी पूरा नहीं कर सकें। क्योंकि कांग्रेस को देश की सुरक्षा से कोई लेना देना था ही नहीं।
कांग्रेस की कई दशकों तक "Undeveloped Border is the Best Defence" बॉर्डर पॉलिसी रही। ये बात स्वयं 2013 में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने लोकसभा में स्वीकार करते हुए अफसोस जताया था।
कांग्रेस ने देश की आजादी के कीमती 60 वर्ष यूं ही घोटालों, भ्रष्टाचार, राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को पूरा करने और देश को खोखला करने में व्यर्थ कर दिए।
चूंकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है इसलिए यहां हर 5 वर्षों में चुनाव भी होते है, चुनाव में जनता का वोट भी प्राप्त करना होता है, इसलिए कुछ तो होना चाहिए जनता को लुभाने के लिए। बस 60 वर्षों में देश का जितना भी विकास कांग्रेस पार्टी ने किया है वो इसी चुनाव के वक्त जनता को लुभाने वाली रणनीति के तहत किया है। इन्हे वाकई देश के विकास की चिंता होती तो देश की जड़ों को खोखला नहीं करते। सेना को अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस करके मजबूत बनाते। बॉर्डर पर सड़क, ब्रिज, एयरफील्ड आदि बनाकर देश की सीमाओं को सुरक्षित करते। विभिन्न आंतरिक और बाहरी विवादों से भारत को मुक्त करने की कोशिश करते।
कांग्रेसी बांग्लादेश बनाने के लिए इंदिरा गांधी की बड़ी तारीफ करते है। जिस बांग्लादेश को भारत में विलय करना चाहिए था उसे अलग देश बना दिया। भारतीय सेना ने 90 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया था, उसके बदले पाकिस्तान से PoJK छुड़ाना चाहिए था लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया। इससे पता चलता है कि कांग्रेस ने भारत को मातृभूमि नहीं मात्र भूमि का टुकड़ा ही माना है। इस पार्टी में देशभक्ति तो है ही नहीं, तभी राजस्थान में चुनावी रैली में भारत माता की जय का नारा रुकवा कर सोनिया गांधी जिंदाबाद का नारा पिडिजो द्वारा लगवाया जाता है।
कांग्रेस पार्टी के मालिक राहुल गांधी को एनसीसी के विषय में जानकारी नहीं और आज बातें एलएसी की कर रहे है।