Ghanshyam Prasad's Album: Wall Photos

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भारत में व्यवसाय .. २ ...
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आज फिर से यूरोप और चीन का एक एक उदाहरण देखेंगे ... मैं उनके उदाहरण से शुरुवात इसलिए करता हूँ कि जिससे हमको पता चले कि हम कहाँ पीछे रह गए और अब क्या करना चाहिए ...
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1997 में Freiburg स्टेशन पे कुछ भूल गए थे क्योंकि ट्रैन आते ही जल्दी से चढ़ गए लेकिन ट्रैन से देखा तो एक छोटा बैग रह गया था पीछे, ट्रैन का दरवाजा बंद ... हमने जर्मन मित्र को इशारा किया तो उन्होंने उसको उठा लिया और हमको इशारा किया फ़ोन का ... हम तीन घंटे बाद Mainz में होटल पहुंचे और उनको घर पे फ़ोन लगाया .. उन्होंने कहा कोई बात नहीं और मेरा Mainz का पता नोट कर लिया ... ये बात सुबह 11 के आस पास की है ... शाम को ६ बजे मेरा फ्लॉपी और मैन्युअल की फाइल का बैग हमारे हाथ में था ....
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2008 में हमने जान बूझ कर Lucknow - Delhi - Hong Kong - Guangzhou - Shanghai - Delhi का रास्ता चुना था इससे तीन प्रमुख स्थल Hong Kong - Guangzhou - Shanghai जाने का मौका मिलता ... हमने देखा कि HK सीमा से निकलते और चीन के सीमा में घुसते ही उस महा विशाल हाईवे के दोनों ओर Apartments, Industrial Shed, पानी, बिजली आदि सबकी अतुलनीय व्यवस्था ... हमने वहां Guangzhou में पुछा कि इतना construction और लगभग 80% खाली ... इतना पैसा बर्बाद ... उन्होंने बताया कि ये बर्बाद नहीं है investment है अगले 50 वर्षों तक कोई भी उद्योग लगाए, व्यवसाय लगाए, रहे सबका अभी से इंतज़ाम है ...
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तो दोनों उदाहरणों से ये जानना बहुत जरूरी है कि किसी भी देश का infrastructure और कोने कोने में उन्नत्ति के लिए बहुत जरूरी है ... सड़क का जाल ऐसा होना चाहिए कि गाँव तक में Blue Dart, DHL या Fedex जाएँ ... सड़क बिजली पानी और तेज़ यातायात के साथ सुरक्षित यातायात बहुत जरूरी है ... जब तक ये नहीं होगा तब तक कस्बों में व्यवसाय और उद्योग नहीं लग सकेंगे क्योंकि ऐसे में raw material नहीं मिलेगा और अपने उत्पाद को समय पर अन्य बाज़ारों में नहीं पहुंचाया जा सकेगा ...
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लखनऊ - राय बरेली - मनकापुर - कानपूर आदि जैसे जगहों पे नज़र डालिए ... सरकार के अनेकों उपक्रम UPDPL, ITI जैसे संस्था बंद हैं ... लाखों हेक्टेयर की बिल्डिंग भूत बांग्ला बने खड़ी है, कई ऐसे भी जगह है जहाँ लोगों ने औद्योगिक प्लाट ले रखे है लेकिन वो सिर्फ दाम बढ़ा रहे हैं property dealer के साथ मिलकर ... Property डीलिंग एक व्यवसाय है लेकिन इसका इकॉनमी पे इफ़ेक्ट रिवर्स है ... anyway बात इन जगहों पे करते हैं .... इन जगहों को ऐसे ही छोड़ने के जगह सरकार को इसको PPP मॉडल से औद्योगिक - व्यावसायिक शेड बनाकर MSME sector को किराए पे देना चाहिए .... इन जगहों पे Metal - Plastic प्रोसेसिंग सेण्टर PPP मॉडल पे लगा देना चाहिए ... इससे MSME के अंतर्गत छोटे उत्पादक को लैंड - बिल्डिंग - प्लांट Machinary के दबाव से मुक्ति मिलेगी ... इस प्रोसेसिंग सेंटर के चलते अनेकों लोग तरह तरह के उत्पाद बना सकेंगे ... investment सबका कम होगा, तो सस्ता सामान भी होगा ... इन सभी स्थानों को शानदार सड़क मार्ग से जोड़ना चाहिए .. ...
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एक शानदार और मजबूत infrastructure के बिना जिले, कसबे और गाँव में लघु उद्योग नहीं पनप सकते ... और बिना लघु उद्योग के किसी देश की गाडी नहीं चल सकती .. लघु उद्योग को लोन तो ठीक है लेकिन पहले infra और processing facility availability पे ध्यान दिया जाना चाहिए ... ये हो गया तो सब चल पड़ेंगे ...

रंजय तृप्ति