वीर सावरकर की दो अचूक औरसार्थक भविष्यवाणीयाँ ....
१. श्यामा प्रसादजी आपकी देश को बहुत जरूरत है ....
आप कश्मीर मत जाओं,आप जिन्दा नहीं लौटेंगें ....!
२. ताशकंद जाने से पहले वीर सावरकर ने लालबहादुर शास्त्री को चेताया और कहा ....
“शास्त्रीजी हम जीते हुए राष्ट्र है, रूस के
प्रधान्मत्री को हमारे देश मे बुलाओ,यदि आप ताशकंद जाओगे तो वापस नही आओगे .....
और हमारे द्वारा जीता भाग भी लुटा
आओगे .....
१. सन १९५३ में, हिन्दु महासभा, राम राज्य परिषद् व जनसंघ ने कश्मीर का हिन्दुस्थान में सम्पूर्ण विलय के लिए के लिये संयुक्त सत्याग्रह किया. कश्मीर के मुख्यमंती फारूख अब्दुल्ला ने सरकारी अनुमति के बिना,बाहर के लोगों को प्रदेश में “प्रवेशबंदी” लगी थी .....
तब डॉ श्यामा प्रसाद मुखजी मुख़र्जी ने
घोषणा कर की कि ....
“मैं इस प्रवेश बंदी के विरोध के बावजूद कशमीर जाऊंगा ..."
तब वीर सावरकर ने उनसे कहा ..., “श्यामाप्रसादजी आपकी देश को बहुत जरूरत है. आप कश्मीर मत जाओं आप जिन्दा नहीं लौटेंगें ....!”
२. कश्मीर में प्रवेश करते ही उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल, ह्त्या कर आकस्मिक मौत कह दिया ..!
३. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की माता ने, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग व
मिलाने का अनुरोध को ठुकरा दिया, और कहा वे बीमारी से मरे थे ..,
आज तक पूर्व से वर्तमान सत्ताधारियों ने इस पर जांच करने की भी सोच नहीं की ...!
१. ताशकंद जाने से पहले वीर सावरकर ने लालबहादुर शास्त्री को चेताया और कहा .....
“शास्त्रीजी हम जीते हुए राष्ट्र है, रूस के
प्रधान्मत्री को हमारे देश मे बुलाओ, यदि आप ताशकंद जाओगे तो वापस नही आओगे ....
और हमारे द्वारा जीता भाग भी लुटा आओगे ..,.
२. ९ जनवरी १९६६ की रात लालबहादुर शास्त्री ने ताशकंद से
अपनी पत्नी ललिता शास्त्री को फोन कर कहा ....
“मैं हिन्दुस्तान आना चाहता हूँ, यहां, मुझ पर हस्ताक्षर करने के लिए
दवाब डाल रहें है मुझे यहां घुटन हो रही है ....."
देश के सत्ता की राजनयिक फौजे बार-बार, शास्त्रीजी से कह रही थी ...,
भले हम युद्ध जीत गये हैं, यदि आप हस्ताक्षर नहीं करोगे तो आगे अन्तराष्ट्रीय बिरादरी एकजुट होकर देश की आर्थिक स्तिथी बिगाड़ देगी ...
३. इसके बाद उनके कड़े मंसूबे, हमारे देश के सत्ता की राजनयिक
फौजे तोड़ने में कामयाब हो गयी १० जनवरी १९६६ के शाम४.३० बजे, शास्त्रीजी ने जीती हुई जमीन वापस लौटाने व शांती समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद,उनके पुत्र अनिल
शास्त्री को कहा गया वे देश के प्रधानमंत्री हैं, उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें विशेष आवास में अकेले में सुरक्षित रखना होगा ...!
३. प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के ताशकंद समझौते के बाद ८ घंटे के बाद११ जनवरी तड़के १बजे,पाकिस्तानी रसोईये द्वारा रात को दूध पीने के बाद उनकी मौत हो गई ..!
मौत के समय उनके कमरे मे टेलिफोन नही था, जबकि, उनके बगल के कमरे के राजनयिकों के कमरों मे टेलिफोन था, उनकी मौत की पुष्टी होने पर राजनयिकों की फौज दिल्ली मे फोन लगा कर चर्चा कर रहे थे कि ....
अगला प्रधानमंत्री कौन होगा ..?
४. अंत तक ललिता शास्त्री गुहार लगाती रही, मेरे पति की मौत की जाँच हो, आज तक सभी सरकारों द्वारा, कोइ
कारवाई नही हुई ...?
५. इस रहस्य को जानने के लिये, आर.टी.आई. कार्यकर्ता अनुज धर ने एडी चोटी का जोर लगाने के बाद, सरकार की तरफ से जवाब मिला कि ....
यदि हम इस बात का खुलासा करेगें तो हमारे संबध दूसरे देशों से खराब हो जायेगें ....!
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