सेकुलरिज्म के झंडाबरदारों के झंडे का डंडा तब पता नहीं कहाँ घुस जाता है, जब कश्मीर से लाखों हिन्दू मार काट के भगा दिए जाते हैं,.
छोडो कश्मीर तो पुराना हो गया,.. बंगाल से बाकायदा एलान कर के हिन्दुओं को उनके घर से भगाया गया,..
दिल्ली की ब्रह्मपुरी में लोगों ने मकान बिकाऊ है की तख्ती लगाई क्यूंकि मुसलमानो ने उनके घरों में घुस के धमकाना शुरू कर दिया।
मेवात के दलित हिन्दुओं पर अत्याचार तो ताजा ताजा घटना है,..
मैं 1400 साल के इतिहास पर तो जा ही नहीं रहा हूँ की कितनी हिन्दू औरतों को लूट खसोट के अफगानिस्तान, अरब और तुर्की के बाजार में बेचा गया और,..
और कितने बेकसूर बच्चों और मर्दों को तड़पा तड़पा के मारा गया.
खाली वर्तमान के समय के ही पचासों घटनाओं के सबूत हैं,.
लेकिन सेकुलरों की दोगलई देखिये की कोई कैंडल मार्च नहीं निकालता,.
कोई हिन्दुओं की लिंचिंग पर अवार्ड वापस नहीं करता है,..
कहाँ तक गिनाऊँ,.. कौन से सेकुलरिज्म की बात करते हो ?? वही न जो 1976 में इंदिरा गाँधी ने देश पर आपातकाल थोप के सारे विपक्ष को जेल में ठूंस के एकतरफा संसद में पारित करवा के संविधान में 42 वे संशोधन में ठूंस दिया था, संसद में कोई चर्चा तक नहीं कराई,..
जो लोग इतने ही बड़े सेकुलरिज्म के ठेकेदार हैं तो बताएं की एक सेक्युलर देश में मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की शरिया अदालते क्यू चल रही है,.
संविधान के ठेकेदार तब कहाँ मर जाते है जब चौराहे पर गाय काटी जाती है,.. क्या ये संविधान के आर्टिकल 48 का उललंघन नहीं है,.
भरी संसद में सांसद शफीककुरर्र्हमान वन्देमातरम के बजने पर संसद से उठ के भाग जाता है, क्या ये संविधान में स्वीकृत राष्ट्रगीत का अपमान नहीं है ??
ये सेक्युलर दोगले इतने ही चिंतित हैं तो सेकुलरिज्म को लेकर तो एक देश एक क़ानून का विरोध क्यू करते हैं,..
ये देश सेक्युलर इसीलिए है क्यू की यहाँ की 80% जनता हिन्दू है,. जिस दिन ये हिन्दू खत्म हुआ, ये सेकुलरिज्म और डेमोक्रेसी की किताबें कूड़े के ढेर में चली जाएँगी,..
और जिसको मेरी बात पर ऐतराज हो वो बिना सिक्योरिटी लिए कश्मीर घाटी में एक प्लाट खरीद के दिखा दे,.. या अमरनाथ यात्रा ही कर के दिखा दे,..
अब तो कश्मीर से 370 भी हट गया और वहां "सेक्युलर" बिरादरी की भरमार है,. जरा जा के वहां का सेकुलरिज्म टेस्ट कर आईये,.
हम सचाई दिखा रहे हैं तो हम नफरत फैलाने वाले हो गए ???
और जो कश्मीर, बंगाल और केरल तक देश के संविधान की धज्जियां उड़ाते फिरते हैं वो शांतिप्रिय लोग है ???