Ghanshyam Prasad's Album: Wall Photos

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एक दिन अचानक #मोसाद को गुप्त जानकारी मिली कि पड़ोसी देश इजिप्ट आधुनिक हथियारों की खरीदारी करने निकला है #मोसाद के कान खड़े हो गए...जाहिर है समझाने की जरूरत नहीं कि वो हथियार किसके ऊपर इस्तेमाल होने वाले थे...तुरंत #मोसाद के जासूस काम पर लग गये,हथियारों का सौदा हो गया अब इजिप्ट को उन हथियारों को अपने देश पहुंचाना था,बड़ी जल्दी उसे एक सस्ता जहाज भी मिल गया हथियार लाद दिए गए मगर थोड़ी ही देर में जहाज जेटी के पास ही डुब गया और हथियार भी डुब गये...कहने की जरूरत नहीं है कि ये शरारत मोसाद की थी...तुरंत इजिप्ट का सेनाध्यक्ष खुद वहां पहुंचा और गोताखोरों के जरिए सारे हथियार बाहर निकालें गयें हथियारों पर ग्रिसिंग था इसलिए खराब नहीं हए थे...फिर से सेनाध्यक्ष की निगरानी में एक जहाज किराए पर लिया गया जिसमें दो खलासी भी थे जो जहाज के इंजन के जानकार थे जहाज ने आराम से सफर शुरू किया मगर अपनी मंजिल तक कभी नहीं पहुंच पाया...कुछ दिनों में आधे रस्ते बीच समंदर जहाज में तकनीकी खराबी आ गई फिर अचानक उस जहाज का पता ही नहीं चला...कुछ अर्से के बाद जब इजिप्ट ने इजराइल से युद्ध छेड़ा और इजराइल की तरफ से हथियारों का इस्तेमाल किया गया तब पता चला कि ये वही हथियार थे जिसका इस्तेमाल इजिप्ट इजराइल के खिलाफ करने वाला था...जहाज जान बूझकर खराब किया गया था इस दौरान इजराइल की नौसेना की स्पीड बोटो ने जहाज पर कब्जा कर के सारे हथियार उठा लिए और जहाज को डुबो दिया और सारे हथियार सुरक्षित अपने देश में उतार लिए...इजिप्ट को अपने ही खरीदें हथियारों की वजह से करारी शिकस्त का मुह देखना पड़ा...इसीलिए दुनिया के सभी मुस्लिम देशों से दुश्मनी होने के बावजूद इजराइल सीना तानकर खड़ा है...क्योंकि उसके नागरिकों के दिल में "पहले देश बाकी सब बाद में" जैसी भावना नस नस में भरी है...अगर सेना की बात जय हिंद की करू तो जगत जाहिर है पूरे विश्व मे हमारी सेना सबसे अग्रणी सेनाओ में शुमार है...नीचे चित्र में छोटा सा सबूत भी सलंग्न है...फिर वही बात...जहा बात आती है देश की प्रजा की जिनकी हिफाजत में हमारी जाबांज सेना दिन रात मुस्तेद प्रहरी बन हमारी रक्षा करती है हम चैन की नींद सोते है और जो चाहे मुह से हग भी देते है...दिन रात भितरघाती देश द्रोही अपनी षड्यंत्र के तहत नई नई कहानियां गढ़ सेना का मनोबल तोड़ने की कुटिल चाल चलते रहते है...असल दुश्मन तो देश के अंदर बैठा है सच कहूं तो...बाहरी दुश्मन से हमे किसी भी बात का डर नही लेकिन भीतर ghatiyo की वजह से गृहयुद्ध होना तय है और यह लोगों को तय करना होगा कि वो कटना पसन्द करेंगे या काटना...सभी राष्ट्र वादियो को कहना चाहूंगा कि इस गलतफहमी में बिलकुल मत रहियेगा की यह कोई धार्मिक युद्ध होगा...साथियो यह युद्ध प्योर सेक्युलरता और राष्ट्रवादियों के बीच होगा...थूकल्लो से ज्यादा यह मारना-कटना जयचंदी हिंदुओं से होगा...आप यदि सिर्फ मस्ज़िद की तरफ देख कर लड़ेंगे तो कोई जयचंदी हिन्दू ही आपका गला रेत जायेगा... इसलिए हिन्दू सेक्युलरों को पहले गिराना होगा... वहीँ से जीत का रास्ता प्रशस्त होगा...तैयारी रखिये...बाहर की चिंता मत करिए...भीतर ghatiyo को गिराना शुरू करिए...इस धरती पर दो ही मार्ग है युद्ध(कृष्ण)या बुद्ध साथियो
बुद्ध का विचार भी बगैर युद्ध के स्थापित नहीं हो सकता...युद्ध एक ऐसा धर्म है जिसकी हर काल में जरूरत रही है जिस कौम ने युद्ध करना छोड़ दिया उसका अस्तित्व भी धीरे-धीरे मिट ही गया है...!
अहिंसा नहीं युद्ध होता है परमो धरम...युद्ध में ही चेतना का विकास होता है,युद्ध के मार्ग पर चलकर ही अहिंसक हुआ जा सकता है लादी गई या संस्कारजन्य अहिंसा कायरता है...महाभारत से लेकर रामायण काल तक में समाज को दूषित होने से बचाने के लिए योद्धाओं का वीरबल ही काम आया ना कि अहिंसा का उपदेश हमेशा ही धर्म की स्थापना और असुरों का नाश बलवान वीरों ने किया है,यही इतिहास है..."अहिंसा परमो धर्म" कायरों का बेशर्म चेहरा है,"युद्ध परमो धर्म" ही वीरों का सच्चा साथी है...अहिंसा परमो धर्मः धर्मः हिंसा तथैव च...जय जय हिन्दू राष्ट्रम...!!!

दो चीनियों की गर्दन एक साथ कैसे दबाते है...ये कोई हमारी सेना के जांबाज़ जवान के बारे में भी बता दो...सेना पर सवाल उठाने वाले जन्म जात द्रोहियो और मिचमीचयो को...जय जय हिन्द की सेना