Ghanshyam Prasad's Album: Wall Photos

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क्या पुराने समय में भी राजनीतिक दल अपनी महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए आजकल की तरह लड़ते थे?

नहीं,

इसका एक उदाहरण मैं आपको बताता हूँ।

1962 के भारत चीन युद्ध की समाप्ति और नेहरू जी के देहांत के पश्चात की एक घटना है ....

तब के चीनी राष्ट्रपति ने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री शास्त्री जी को एक पत्र लिखा कि आपके सैनिक हमारी सीमा में घुस के हमारी 800 बकरियां और 100 यॉर्क चुरा ले गए ....

शास्त्री जी ने इस घटना की जांच के आदेश तत्कालीन सेना प्रमुख को दिए ....

यह बात तब के हमारे नेता विपक्ष अटल जी को जब मालूम चली तो उन्होंने अपने अनन्य सहयोगी आडवाणी जी से कहा आप कहीं से 200-300 बकरियों का इंतजाम कीजिये .... (अटल जी ने आडवाणी जी को पूरा माजरा समझाया) ....

आडवाणी जी ने जब 200-300 बकरियों का इंतजाम किया तो अटल आडवाणी अपने लाव-लश्कर के साथ उन बकरियों को ले कर पहुंच गए दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के बाहर प्रदर्शन करने और हर बकरी के गले में तख्ती टांग के उसपे लिख दिया चीनी बकरी ....

प्रदर्शन के दौरान अटल जी की जब चीनी राजदूत से भेंट हुई तो अटल जी ने उनसे कहा लीजिए आपकी 800 बकरियों में से हमने 300 बकरियां ढूंढ ली है जो रास्ता भटक के भारत मे आ गयी थी .... आप इन बकरियों को चीन भिजवाने का बंदोबस्त करिये शेष बकरियां भी हम आपको मिलते ही सुपुर्द कर देंगे ....

अटल जी के इस प्रदर्शन से चीनी राजदूत ने बौखला के बीजिंग अपने चीनी राष्ट्रपति को पत्र लिखा और साथ में अटल जी द्वारा लायी बकरियों का फोटो भी भेजा और चीनी राजदूत ने अपने राष्ट्रपति को लिखा आप देश की नाक कटवा रहे हो ....

अपने राजदूत का पत्र पढ़ के गुस्से में तमतमाते हुए चीनी राष्ट्रपति ने वापस प्रधानमंत्री शास्त्री जी को पत्र लिखा कि आप अपने नेता प्रतिपक्ष अटल जी पर भारतीय कानून के अनुसार कानूनी कार्यवाही करें अन्यथा हम उन पर मुकदमा दायर करेंगे .... उन्होंने चीनी दूतावास के बाहर असंवैधानिक प्रदर्शन किया है ....

इस पर शास्त्री जी चीनी राजदूत को वापस पत्र लिखते हैं .... अटल जी मेरे देश के नेता विपक्ष है इस नाते मेरे देश में उनका दर्जा मेरे बराबर ही है .... आपके आरोप निराधार है .... भारतीय सेना निडर साहसी है लेकिन चोर नहीं है .... भारत की सेना पर आपके द्वारा लगाया गया मिथ्या आरोप हर भारतवासी पर आरोप है .... हर भारतवासी को अपनी सेना पर नाज है .... इस नाते अटल जी का प्रदर्शन बिल्कुल जायज था .... हमारा देश एक लोकतांत्रिक मुल्क है और यहां विरोध प्रदर्शन करना हर नागरिक का संवैधानिक कर्तव्य भी है और दायित्व भी है एवं अधिकार भी है ....

वाह ....

यह था तब का सत्ता-पक्ष और विपक्ष ....

और आज का सत्ता-पक्ष और विपक्ष ?? ....

ऐसा लगता है जैसे कांग्रेस आज सड़कछाप उठाईगीरों टपोरियों की फौज बन गयी है .... चीन 2 महीने से हमारे दरवाजे पर आ कर युद्ध की दस्तक दे चुका है .... हमारे 20 जवान शहीद कर चुका है ....

और हमारा विपक्ष चीन से लड़ने के बजाय आपस मे कुत्ते बिल्ली की तरह लड़ रहे हैं ....

आपको उम्मीद है कि ये विपक्ष साथ देगा?
वो विपक्ष जो चीन का अनाधिकृत एजेंट बना बैठा है।

धिक्कार है ऐसी विपक्ष पर!! ....

अजय अग्निवीर