#श्रीधराचार्य का #गणित का #सूत्र तथा #फ्रेडरिक_गौस।
#जर्मनी के महान् गणितज्ञ फ्रेडरिक गौस की बचपन की एक कहानी बहुत प्रसिद्ध है। एक बार स्कूल में मास्टर जी पढा रहे थे। उन्होंने सोचा कि बच्चों को कोई कठिन प्रश्न दूं तथा इस बीच थोड़ा आराम कर लूँ। उन्होंने बच्चों से कहा चलो, बच्चो ! 1 से लेकर 10 तक क्रमिक संख्याओं का जोड़ बताओ। सभी बच्चे 1का 2 के साथ तथा उस योगफल का 3 के साथ इत्यादि क्रम से जोड़ने में जुट गए।
इस बीच 5 सेकण्ड में ही बालक गौस उठ खडा हुआ तथा उसने कहा कि मैने कर लिया। मास्टर जी ने आश्चर्य से पूछा कि तूने कैसे कर लिया शैतान! कहानी में कहा है कि वास्तव में उसे गणित का एक महत्वपूर्ण प्रमेय सूझ गया था।
गौस की इस रोचक कहानी को पूरी दुनियां जानती है। पर यह बहुत कम लोग जानते हैं कि आज से लगभग 1200 वर्ष पहले #भारत के महान #गणितज्ञ श्रीधराचार्य ने अपने #त्रिशतिका नामक ग्रन्थ के पहले ही श्लोक में इस प्रमेय गणित का यह सूत्र बताया है--
"सैकपदाहतपददलम् एकादिचयेन भवति संकलितम्।
तदनुसार 1 से 10 क्रमिक संख्याओं का योग =n/2×(n+1) है। अतः 10/2×(10+1)= 55 सिद्ध होता है।"
इस महान् तथ्य को उजागर करने के लिये हमने सबसे पहली बार इसके प्रकाशन हेतु हिन्दी व्याख्या तथा सम्पादन करने का श्रेय प्राप्त किया है। हमने अपने मौलिक ग्रन्थ में इस घटना का विस्तार से उल्लेख किया है।
लेखक : महामहिम #राष्ट्रपति से सम्मानित #सुद्युम्न_आचार्य