#गगहा #मोब_लिंचिग
राहुल यादव को मुख्यमंत्री के गृह जनपद में ही मामूली विवाद के बाद पीटकर मार दिया गया, लेकिन वो लोग चिल्लाने नहीं आए जो तबरेज अंसारी नाम के बाइक चोर, पहलू खान नाम के गौतस्कर के लिए "Lynching-Lynching" बोलकर पूरा देश सर पर उठा लिए थे। क्यों भाई राजनीतिक माइलेज नहीं मिल रहा है क्या?
अच्छा मारने वाले कथित दलित हैं, एजेंडा सेट नहीं होगा।
बहुत से लोग तो हैरान है कि इस बेल्ट में दलित सब किसी यादव को कैसे मार दिए।
लगता है आपने सुना नहीं कि उन्होंने सिर्फ मारा नहीं, बल्कि उनके साथ आए लडके वीडियो भी बना रहे थे और एक लड़का कह रहा था, "वीडियो बनाव ग्रुप में डालल जाई"
जानते हैं किस ग्रुप की बात हो रही थी..? आज शायद ही यूपी में कोई हरिजन बस्ती हो जिसमें "भीम आर्मी" नाम का वॉट्सएप ग्रुप न हो। उसमें रोज ऐसे ही भड़काऊ भाषण, वीडियो, फर्जी विषैले मेसेज घूमते रहते हैं।
बहुत तेजी से ब्रेन वाश करके लड़कों को नक्सलियों की तरह बनाया जा रहा। भीमा कोरेगांव से लेकर, उना गुजरात तक... हर प्रोपगेंडा आपसे पहले उन तक पहुंच जाता है। उसके बाद आप देते रहिए सफाई, उनके प्रोग्राम्ड दिमाग में एक बार जो बैठ गया उसे निकालना मुश्किल है।
दरअसल दलितों को तो अंदाजा भी नहीं है कि उन्हें ये सब कौन सिखा रहा और क्यों! उनका फायदा उठाकर, उन्हें भड़काकर, मार पीट सिखाकर उन्हें इस्तेमाल किया जा था। उन्हें बरबाद किया जा रहा। और इसके पीछे जिम्मेदार सिर्फ रावण जैसे लोग नहीं, कहीं ना कहीं हम भी हैं जो अपनी छोटी छोटी गलतियों से इस जहर को खाद पानी दे देते हैं।
हालांकि अब भी कुछ नहीं बिगड़ा, मंथन कीजिए। हिन्दुओं की सामाजिक समरसता और एकता पर बल दीजिए। जहां भी छुआछूत या असामनता होती दिखे, तुरन्त टोकिए। किसी भी जातीय संघर्ष का हिस्सा मत बनिए... वरना ये जातिवाद का जहर न जाने कितने राहुल की बलि लेगा।
राहुल के हत्यारों को कम से कम आजीवन/उम्रकैद की मांग कीजिए ताकि फिर कोई किसी लडके को इस तरह मारने से पहले सौ बार सोचे।