विदेशों में लोग वचन और वायदे के कितने पक्के होते हैं यह मुझे फिनलैंड में पता चला था
यह जनाब पीटर है जो वैसे तो हंगरी के निवासी हैं लेकिन फिनलैंड में रहते हैं ..इनकी धर्मपत्नी रशियन है
मैंने अविनाश ने और इन्होंने फिनलैंड के एक झील के किनारे मछली पकड़ने और फिर मछली को बारबेक्यू में पकाकर दावत करने का प्लानिंग लगा किया ...हम दिन भर झील के किनारे कैंप लगाकर मछलियां पकड़ते रहे और उसे बारबेक्यू में भून कर खाते रहे क्योंकि मैं शराब नहीं पीता लेकिन वहां उपस्थित बाकी दोस्त लोग खूब शराब भी पी रहे थे और यह पीटर भी खूब शराब पिये
शाम को 6:00 बजे तक पूरा कार्यक्रम चला... लेकिन रात को 3:00 बजे मेरी हेलसिंकी से लातविया की राजधानी रीगा की फ्लाइट थी और मुझे किसी भी हालत में 2:00 बजे तक एयरपोर्ट पहुंचना जरूरी था
मैं और अविनाश जब घर पर वापस आए तब डिस्कस करने लगे कि एयरपोर्ट जाने का क्या इंतजाम किया जाए
उस समय फिनलैंड सरकार ने ओला उबेर को अपने यहां परमिशन नहीं दिया था तभी मुझे ख्याल आया क्यों ना पीटर से पूछा जाए कि क्या तुम हमें एयरपोर्ट छोड़ दोगे ?
अविनाश ने पीटर को व्हाट्सएप पर मैसेज किया और उसे बताया कि हमको एयरपोर्ट जाना है पीटर ने व्हाट्सएप पर ही जवाब दिया कि मैं ठीक 12