यह मुस्लिम अलीगढ़ यूनिवर्सिटी है, इसकी जमीन 3000 एकड़ ,जाट किंग महेंद्र प्रताप ने 1939 में 70 साल के लिए लीज पर दी थी, समय पूरा होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सितंबर में इस तथ्य के बारे में पर्दाफाश करने के लिए कहा है आप लोगों का क्या ख्याल है इसका नाम चेंज होना चाहिए?
राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने 3000 एकड़ जमीन दान की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए, उनकी तस्वीर लगाने से मना कर दिया था इसी छात्र संघ के गुंडो ने। आज जिन्ना की तस्वीर की हिफाजत कर रहे हैं.. ये सब गलती राजा साहब की थी, जिहादी मानसिकता वालों को पढ़ाने की सोची, जिहाद पढ़ लिया!!
वैसे राजासाहब तो सेक्युलर व उदारवादी थे,एक नया धर्म परमधर्म चलाये थे अकबर के दीन ए इलाही की तरह,नोबल पुरस्कार के लिए इनका नाम भी प्रस्तावित था। ये रूस में लेनिन से भी मिले थे,कई विद्यालय भी चलवाते थे फिर भी इनको सम्मान देने की बजाय कट्टर व देश को बांटने वाले जिन्ना के समर्थक इस देश मे हैं।
राजा साहब भी घोर कम्युनिस्ट थे लेकिन थे राष्ट्रवादी क्रांतिकारी कम्युनिस्ट
राजा साहब की जन्मजयंती समारोह आयोजन को भी मना कर दिया था इन लोगों ने।जिसने जमीन देकर ये विश्विद्यालय बनवाया उसकी कोई इज्जत नही लेकिन जिसने हजारों लोगों की हत्या करवाई डायरेक्ट एक्शन डे के नाम पर और इस देश से चला गया और जो स्वयं भी इस्लाम को सही से नही मानता था शराब पीता था,सुवर का मांस खाता था उसकी तस्वीर लगाकर कौन सा प्रेरणा ले रहे हैं।
सुविधाएँ लेंगे भारत सरकार की
तस्वीर लगाएंगे अम्मी के भतार की।