जिस देश ने भारत की खिलाफत की उस देश की हालत बद से बदतर होती जा रही है ,,खासकर 2014 के बाद
मलेसिया ने कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ बोला तो मोदी जी ने पाल्म तेल आयात करना ही बंद कर दिया। मलेसिया घुटनो पर आ गया।
अभी अल जजीरा पर 1 घंटे का रिपोर्ट देखा तुर्की की अर्थव्यवस्था की बुरी हालत हो गई है पूरा कचुंबर निकल गया
जब एर्डोगन ने सत्ता संभाला था तब $1 में 1.6 टर्किश लीरा मिलता था आज $1 में 8 टर्किश लीरा का रेट हो गया है
सड़कों पर भिखारियों की फौज घूम रही है कोविड की वजह से अस्पतालों में जगह नहीं बचे ऊपर से अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए उन्होंने तीन लाख कट्टर मुस्लिम सीरियाई लोगों को अपने यहां बसा दिया
पहले ही उन्होंने वाइन को इस्लाम विरोधी बताकर वाइन इंडस्ट्रीज को बर्बाद कर दिया था
फिर उन्होंने दुनिया का सबसे विशाल निर्माण कार्य गाना शुरू किया जिसमें म्यूजियम लाइब्रेरी और एक विशाल मस्जिद थी जहां 200000 लोग एक साथ बैठकर नमाज पढ़ सकते थे
इस विशाल कांप्लेक्स में तुर्की ने इतना पैसा लगाया कि उसकी पूरी अर्थव्यवस्था बैठ गई क्योंकि उस कंपलेक्स को देखने कोई भी टूरिस्ट नहीं जाता
टर्की जिसकी पूरी अर्थव्यवस्था टूरिज्म पर टिकी थी वहां जैसे ही यूरोप और भारत तथा अमेरिका के अखबारों में कट्टर मुस्लिम वाली खबरें छपने लगी तब लोगों ने तुर्की के बजाय दूसरे देश जाना पसंद किया
अब हालात ऐसे हो गए की एर्डोगन तैयब कश्मीर मामले पर पाकिस्तान को मदद देने की बात कर रहे थे अब वही यूरोप और अमेरिका से भीख मांग रहे हैं कि किसी भी तरह मेरी अर्थव्यवस्था को बचा लो मुझे कर्जा दो
एक गुजराती मित्र हैं इस्ताम्बुल में रेस्टोरेंट चलाते हैं अब बेचारे जर्मनी जाने का प्लानिंग कर रहे हैं। बोल रहे हैं पूरा बर्बाद हो गया बोहनी नहीं होती है ऊपर से रेस्टोरेंट के सामने रोज 50 भिखारी आकर खड़े हो जाते हैं बोलते हैं हिंदू हूं, दयावान हूँ, तो अब दया करके कुछ न कुछ देना ही पड़ता है
संजय द्विवेदी