छोटे बिछौने और नन्हे खिलौने की चाह थी
पर दुःख-दरिद्रता में हथौड़ी-बर्तन ही सिर्फ राह थी
मन में व्यथा-पीड़ा और उदास-सूनी निगाह थी..
आज "बाल श्रम निषेध दिवस" पर हम सभी संकल्पित हों की हम इसके निर्मूलन में अपना सम्पूर्ण सहयोग करेंगे और सम्पूर्ण राष्ट्र में इसे जड़ से समाप्त करने में सहायक सिद्ध होंगे