नीरज राजेश 's Album: Wall Photos

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क्या आज मौसम ही बहुत बेईमान है ।
तुम पास यही ,दूरी कैसी ये दरमियान है ॥
कह भी दो तुम हो यही कही - क्या
ये मेरे अधरों पे तुम्हारी ही मुस्कान है
ढूंढता मन तुम्हे फिर चंचल चितवन सा
आरजू जो नयन क्यो दिखता आसमान है
क्या ये 'मोहब्बत' है या है ये 'जुस्तजू' तेरी
अहसासों मे तुम, क्यो अक्स फिर गुमनाम है
कहे मध्यम हवा , जो कर सिहरन बदन
क्या दोनो का साथ एक दूजे की जान है ॥
'सुराज'