Ashok Sanatani's Album: Wall Photos

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यह एक फर्जी वेबसाइट स्क्रॉल की संपादक सुप्रिया शर्मा है उन्होंने मोदी को बदनाम करने के लिए बेहद नीचता भरा काम किया इन्होंने अपनी वेबसाइट पर एक सनसनीखेज हैडलाइन दिया कि मोदी के गोद लिए गांव में यानी जयापुर में एक दलित महिला लॉकडाउन के दौरान भूखी रही उसे खाना नहीं मिला मजे की बात यह कि उन्होंने जिस महिला माला देवी का फोटो अपनी वेबसाइट पर लगाया था वह महिला जयापुर में रहती ही नहीं है

स्क्रोल की संपादक सुप्रिया शर्मा पर मानहानि का आरोप लगाया गया है. उनके खिलाफ वाराणसी के रामनगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.पुलिस के अनुसार यह प्राथमिकी वाराणसी के डोमरी गांव निवासी माला देवी द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है. डोमरी गांव को प्रधानमंत्री ने आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया है.

पुलिस के अनुसार सुप्रिया शर्मा ने कोविड-19 लॉकडाउन के असर पर एक खबर के लिए माला देवी का इंटरव्यू लिया था. खबर में कहा गया कि माला देवी ने बताया कि वह एक घरेलू कामगार हैं और उनके पास राशन कार्ड न होने की वजह से लॉकडाउन के दौरान उनको राशन की समस्या उत्पन्न हुई. पुलिस ने कहा है कि एफआईआर में माला देवी ने आरोप लगाया है कि सुप्रिया शर्मा ने उनके बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है. वह वह घरेलू कामगार नहीं हैं, बल्कि वह आउटसोर्सिंग के माध्यम से वाराणसी नगरपालिका में स्वच्छता कार्यकर्ता के रूप में काम करती थीं और लॉकडाउन के दौरान उनको या उनके परिवार को कोई भी समस्या नहीं हुई है.

रवीश कुमार सहित सभी वामपंथी कुत्ते यह रो रहे हैं कि मोदी सरकार ने इस महिला पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज करवाया है जबकि यह दोगले यह नहीं बता रहे कि इस पत्रकार पर केस मोदी सरकार ने नहीं किया बल्कि उस स्वाभिमानी दलित महिला ने किया जिस महिला को इसने भूखा नंगा बताकर बदनाम किया है
#जय_हिंदू_राष्ट्र