मैंने आप सबने अपनी कमाई का जो पैसा PMNRF (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष)में दिया था उसका एक बड़ा हिस्सा राजीव गांडू NGO के जरिये इसाई मिशनरियों को गया है जो हिन्दू धर्मान्त्रण में खर्च किया गया... मतलब हमारे ही पैसे से हमारी ही जड़ें काटी गयी... हमने बरसों अपने ही कत्ल की सुपारी दी थी... ऐसे और भी हैं...बचाने वाला कौन...?
हाँ... वही है जिसको दिन रात गालियाँ देते रहते हो...ऐसा आदमी ही मेरा आदर्श है ऐसा धर्मात्मा ही मेरा पूजनीय है...हाँ मोदी जी ही मेरे हीरो हैं...!
दोस्तो पता नही ये पोस्ट मुझे डालनी चाहिए कि नही... पांच जुलाई का दिन बडा ही महत्वपूर्ण था क्योंकि चीन, पाक व ईरान के गठबन्धन ने पूरी तैयारी की थी भारत पर हमला करने की...तारीख निश्चित थी...नीति के तहत पाक फौज ने अटैक करना था कश्मीर पर... चीनी सैनिक पाक पहुंच चुके थे पाक सेना की मदद के लिये लेकिन अबकी बार रॉ, सीआईए तथा मोसाद को भी पूरी खबर थी... सो इधर भी तैयारी पूरी थी...इसीलिए मोदी जी पाच जुलाई से पहले ही लद्दाख सेना को फ्री हैड करने के लिए गए थे... लेकिन इससे पहले कोई कुछ एक्शन होता इजराइल ने पांच जुलाई सुबह सुबह जल्दी ही इरान पर धमाकेधार हमला करके ईरान के उन सब हथियारों को नष्ट कर डाला जो उसके लिये खतरा थे... उधर पाक फौजी अफसरों ने कश्मीर पर हमला करने से इन्कार कर दिया क्योकि भारतीय पनडुब्बियों के बेड़े कराची के नजदीक तक पहुंच कर पाक को सन्देश दे चुकी थी जिसका अन्दाज पाक को बिलकुल नहीं था... मोदी जी पहले ही महाशक्तियों को विश्वास मे ले चुके थे आनन फानन में चीन ने बातचीत की कोशिश की... अबकी बार बात चीत का जिम्मा संभाला अजीत डोभाल ने...
जिन पिन्ग मोदी जी से बात करना चाहते थे लेकिन मोदी जी ने बात करने से मना कर दिया, इसलिये चाईना के विदेश मंत्री को मजबूरन डोभाल से बात करनी पड़ी... जबकि डोभाल का दर्जा विदेश मन्त्री से नीचे का है लेकिन चीन को अपमान का यह घूट पीने को विवश होना पङा...डोभाल ने चाईना के विदेश मन्त्री को पांच जुलाई का चीन ईरान व पाक साजिश का काला बल्यु प्रिन्ट पेश कर दिया, जिससे चीन झेंपकर हिन्दी चीनी भाई भाई की बात पर आ गया और सेना लौटाने पर राजी भी, तथा भविष्य में हरकत ना करने का वादा भी किया...अब पाक फौजी चीन से इसलिये नाराज है कि पाक को अकेला छोड चीन वापिस जा रहा है और भारत का विपक्ष इसलिए नाराज है कि चीन से तनाव कम क्यों किया, युद्ध क्यों नहीं किया...द्रोही ये बात भूल गए कि अगर युद्ध हुआ तो चीन का हमला मोदी या मोदी भक्तों पर ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत और भारतीयों पर होगा...?
धर्म योद्धाओं थोड़ा छल कपट करना तुम भी सीख लो... असुरों के पास अपूर्व शक्ति थी और नारायण यह जानते थे कि इन्हें और शक्ति नही मिलनी चाहिए,किसी भी रूप में अमृत तो बिल्कुल नहीं मिलना चाहिए...नारायण ने तुरंत छल कर असुरों का नाश किया...जालंधर का नाश करने के लिए वृंदा का सतीत्व छल से भंग किया...जब भी तुलसी पूजें यह संदेश याद रखें और धर्म हेतु छल करने से न चूके अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए नहीं अपने समाज के लिए अपने धर्म के लिए छल आवश्यक है... भष्मासुर का नाश भी छल से हुआ और बाली के लिए छल और बल का प्रयोग किया सैकड़ों दृष्टांत है,सत्य अहिंसा का झुनझुना मत बजाइए क्योकि न तो सत्य की और न ही अहिंसा की परिभाषा लम्पट गाँधी को पता थी... अगर पता होती तो भी नही बताते...जागिये...मोदी जी अपना काम कर रहे है अब हमारी बारी है तो विधर्मियों को खाली गाली ही मत बकिए,बल्कि उनका जो भी नुक़सान हो सकता हो,करिए...!!!