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सभी भारतवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।





Republic Day

Republic Day Essay in Hindi, गणतंत्र-दिवस (26 जनवरी)

1 year ago

5 Comments

by Himanshu Grewal

1 min read





Written by Himanshu Grewal

नमस्ते दोस्तों ! HimanshuGrewal.com मै, में आज आपको Republic Day Essay in Hindi के बारे मै बताउंग जिसको हिन्दी में gantantra diwas कहते है और बताऊंगा की गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है.

गणतंत्र दिवस भारत देश का सबसे प्रमुख त्यौहार है. पूरा देश इस त्योहार हो बहुत ही उल्लास के साथ मनाता है. gantantra diwas nepal, india और कई देशो में मनाया जाता है. इस दिन लोग टीवी पर republic day parade देखते है, song सुनते है, स्पीच सुनते है और इतना ही नही सभी लोग republic day images download करके उसको social media पर शेयर करके gantantra diwas celebrate करते है.

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स्कूल में तो छोटे-छोटे बच्चे गणतंत्र दिवस पर भाषण देते है और गणतंत्र दिवस पर कविता लिखकर उसको सभी के सामने प्रकट करते है. तो चलिए दोस्तों अब essay on rebulic day in hindi को शुरू करते है.”

क्रिसमस ट्री का महत्व, क्रिसमस ट्री के 5 अनमोल गुण

Republic Day Essay in Hindi | गणतंत्र दिवस पर निबंध

हर साल भारत में जो दो-चार राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं. 26 जनवरी के दिन मनाया जाने वाला गणतंत्र-दिवस उन सभी में सबसे प्रमुख एवं महत्वपूर्ण पर्व या उत्सव है। हमारा देश 15 अगस्त, सन् 1947 के दिन लगभग दो शताब्दी तक परतंत्रता की यातनाएँ भोगते रहने और अनेक प्रकार के त्याग और बलिदान करने के बाद कहीं जाकर भारत देश स्वतंत्र हुआ था.

परतंत्र भारत में विदेशी, ब्रिटिश शासन द्वारा अपने स्वार्थ साधने के लिए बनाया गया संविधान ही चलाया करते थे । उस शोषक और प्रर्पोड्‌क मनोवृत्ति वाले संबिधान के बल पर ही अंग्रेज यहाँ राज-काज चलाया करते थे.

अत: स्वतंत्रता-प्राप्ति के तत्काल बाद इस कटु तथ्य का अनुभव किया गया, साथ ही यह निर्णय भी किया गया कि भारत जैसे साँस्कृतिक द्रष्टी से बहु आयामी देश में ऐसा संविधान लागू होना चाहिए कि जो सामूहिक स्तर पर सभी का हित-साधन कर सके.

भारत की सास्कृतिक गरिमा और अनेकता के साथ-साथ एकता के तत्त्वों को भी उजागर कर सके । विशेषज्ञों की गठित समिति द्वारा बडे परिश्रम से स्वतंत्र भारत का अपना और नया संविधान तैयार किया गया.






Republic Day

Republic Day Essay in Hindi, गणतंत्र-दिवस (26 जनवरी)

1 year ago

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by Himanshu Grewal

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Written by Himanshu Grewal

नमस्ते दोस्तों ! HimanshuGrewal.com मै, में आज आपको Republic Day Essay in Hindi के बारे मै बताउंग जिसको हिन्दी में gantantra diwas कहते है और बताऊंगा की गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है.

गणतंत्र दिवस भारत देश का सबसे प्रमुख त्यौहार है. पूरा देश इस त्योहार हो बहुत ही उल्लास के साथ मनाता है. gantantra diwas nepal, india और कई देशो में मनाया जाता है. इस दिन लोग टीवी पर republic day parade देखते है, song सुनते है, स्पीच सुनते है और इतना ही नही सभी लोग republic day images download करके उसको social media पर शेयर करके gantantra diwas celebrate करते है.

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स्कूल में तो छोटे-छोटे बच्चे गणतंत्र दिवस पर भाषण देते है और गणतंत्र दिवस पर कविता लिखकर उसको सभी के सामने प्रकट करते है. तो चलिए दोस्तों अब essay on rebulic day in hindi को शुरू करते है.”

क्रिसमस ट्री का महत्व, क्रिसमस ट्री के 5 अनमोल गुण

Republic Day Essay in Hindi | गणतंत्र दिवस पर निबंध

हर साल भारत में जो दो-चार राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं. 26 जनवरी के दिन मनाया जाने वाला गणतंत्र-दिवस उन सभी में सबसे प्रमुख एवं महत्वपूर्ण पर्व या उत्सव है। हमारा देश 15 अगस्त, सन् 1947 के दिन लगभग दो शताब्दी तक परतंत्रता की यातनाएँ भोगते रहने और अनेक प्रकार के त्याग और बलिदान करने के बाद कहीं जाकर भारत देश स्वतंत्र हुआ था.

परतंत्र भारत में विदेशी, ब्रिटिश शासन द्वारा अपने स्वार्थ साधने के लिए बनाया गया संविधान ही चलाया करते थे । उस शोषक और प्रर्पोड्‌क मनोवृत्ति वाले संबिधान के बल पर ही अंग्रेज यहाँ राज-काज चलाया करते थे.

अत: स्वतंत्रता-प्राप्ति के तत्काल बाद इस कटु तथ्य का अनुभव किया गया, साथ ही यह निर्णय भी किया गया कि भारत जैसे साँस्कृतिक द्रष्टी से बहु आयामी देश में ऐसा संविधान लागू होना चाहिए कि जो सामूहिक स्तर पर सभी का हित-साधन कर सके.

भारत की सास्कृतिक गरिमा और अनेकता के साथ-साथ एकता के तत्त्वों को भी उजागर कर सके । विशेषज्ञों की गठित समिति द्वारा बडे परिश्रम से स्वतंत्र भारत का अपना और नया संविधान तैयार किया गया.

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वह संविधान जो वास्तव में 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस जैसा पवन राष्ट्रीय पर्व मनाने का मूल कारण है. स्वतंत्र भारत का अपना संविधान 26 जनवरी, सन् 1950 के दिन लागू किया गया. इस दिन से संविधान की प्रमुख धाराओं के अनुसार भारत को एक सर्वसत्ता-सम्पन्न गणराज्य और गणतंत्र घोषित किया गया. इसी गणतंत्री संविधान के अनुसार यह भी इसी दिन घोषित किया गया कि देश की सर्वोच्च सत्ता जिस व्यक्ति के अधीन रहेगी, उसे राष्ट्रपति कहा जाएगा.

भारत का पहला राष्ट्रपति कौन होगा, इसकी घोषणा भी इसी तारीख को की गई। मुख्यत: इन्हीं कारणों से सारा भारत हर वर्ष छब्बीस जनवरी का दिन ‘गणतंत्र-दिवस’ के रूप में एक महान् राष्ट्रीय पर्व मानकर बड़ी सजधज के साथ पूर्ण उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है.

गणतंत्र-दिवस का राष्ट्रीय पर्व भारत तथा भारत के बाहर प्रत्येक उस स्थान पर मनाया जाता है जहा पर भारतीय मूल का एक भी व्यक्ति निवास कर रहा है; पर एक तो दिल्ली के राजधानी होने और दूसरे राष्ट्रपति का निवास यहीं पर होने के कारण केन्द्रीय स्तर पर यह पर्व यहीं नई दिल्ली में ही मनाया जाता है.

इसकी तैयारी एक महीनें पहले से आरम्भ हो जाया करती है| यहाँ पर प्रत्येक लोक सास्कृतिक दल बनाकर अपने-अपने प्रान्त की सम्पूर्णता प्रकट करने वाली झांकियों को बनाने लग जाया करते हैं, नृत्य-संगीत आदि लोक-कलाओं के प्रदर्शन की तैयारियों में भी जुट जाया करते हैं। दिल्ली के छावनी क्षेत्र में भी सैनिकों, एन०सी०सी० आदि के द्वारा परेड के पूर्वाभ्यासों के कारण विशेष हलचल सुनाई देने लग जाती है.

समाचार पत्र 26 january की तैयारियो का जायजा और उसको प्रस्तुत करने का काम पहले से ही करने लगते हैं. अपनी जानकारियों के आधार पर यह भी बता देते हैं कि इस बार गणतंत्र परेड के अवसर पर राष्ट्रपति के साथ किस देश का व्यक्ति मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेगा.

26 जनवरी की सुबह प्रधानमंत्री तीनों सेनाओं के सेनापतियों के साथ मिलकर पहले इण्डिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति पर पहुँचकर अज्ञात-अमर शहीदों को सलामी- श्रद्धांजलि देते हैं, फिर राष्ट्रपति का स्वागत करने के लिए राष्ट्रपति भवन के सामने स्थित विजय चौक पर आ जाते हैं। तब तक अन्य गण्य मान्य अतिथि, दर्शक आदि भी आ चुके होते हैं.

इसके बाद आगमन होता है विदेशी अतिथि के साथ राष्ट्रपति का, जिनका बिगुल आदि बजाकर स्वागत् किया जाता है| कई बार इस अवसर पर राष्ट्रपति कुछ विशिष्ट अलंकरण र्भो प्रदान किया करते हैं | इसके ध्वजारोहण और फिर सेना के तीनों अंगों, इक्कीस तोपों की सलामी दी जाती है.

अन्य सैनिक-अर्द्धसैनिक बल भी एक-एक करके सलामी देते हुए मंच के सामने से गुजर जाते हैं। फिर आधुनिकतम शस्त्रों का प्रदर्शन, तरह-तरह के बैण्ड, प्रान्तों की झाँकियाँ और उनके साथ लोक-कलाकारों के प्रदर्शन, स्कूलों की छात्र-छात्राओं द्वारा रंग-बिरंगे प्रदर्शन आदि का कार्यक्रम दोपहर तक चलता रहता है.

दोपहर तक परेड प्रदर्शन करने वाले सभी जन जब मार्च करते लाल किले पर पहुँच जाया करते हैं, तब मुरप्न पर्व थमता है । फिर दो दिन बाद जब परेड का राष्ट्रपति भवन तक प्रत्यावर्तन हो जाया करता है, तभी गणतंत्र पर्व का समापन माना जाता है| इन दिनों सायंकाल विजय चौक के लीन में सैनिक बैण्डों का सुन्दर संगीतमय कार्यक्रम भी प्रस्तुत करने की परम्परा है.

रात के समय राष्ट्रपति भवन, संसद भवन तथा अन्य सभी प्रमुख सरकारी भवन विद्युत्यकाश की अनोखी छटा का प्रदर्शन किया करते हैं. रंगारंग आतिशबाजी भी चलाई जाती है. इस प्रकार सभी तरह के आयोजन भारतीय गणतंत्र की गरिमा और गौरव के अनुरूप ही हुआ करते हैं. उन्हें निहार कर प्रत्येक भारतीय का सीना गर्व से भरकर कहने को बाध्य हो उठा करता है. अमर रहे भारतीय गणतंत्र ।