Rishi Maurya's Album: Wall Photos

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कलयुग में अपराध का बढ़ा अब इतना प्रकोप आज फिर से काँप उठी देखो धरती माता की कोख !! समय समय पर प्रकृति देती रही कोई न कोई चोट लालच में इतना अँधा हुआ मानव को नही रहा कोई खौफ !! कही बाढ़, कही पर सूखा कभी महामारी का प्रकोप यदा कदा धरती हिलती फिर भूकम्प से मरते बे मौत !!