Avinash Kumar Tiwari's Album: Wall Photos

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#hindi_poetry
"कलियों को चटकते देख,
फूल उल्लास करने लगे।

भँवरे गाने लगे सोहर गीत,
चिड़ियों ने छेड़ा मधुर संगीत।

नदियाँ उठाने लगीं लहरों की तान,
झरने भी हो गए झँकृत साथ साथ।

वृक्ष मचाने लगे हवाओं का शोर,
जैसे देखी हो प्रकृति ने नई भोर।

जैसे बागो का मन मचल उठा हो,
फिर कोई नवजीवन खिल उठा हो।"


- अविनाश कुमार तिवारी