माननीय मुंबई हाई कोर्ट ने यह फैसला देते हुए कहा है अनुसूचित अति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 विशेष अदालत का दर्जा नहीं छीन सकती। बाल यौन शोषण एवं दुर्व्यवहार के सारे मामलों की सुनवाई विशेष अदालत में ही की जाएगी।
- सिंघानिया एवं कंपनी एलएलपी, मुंबई ऑफिस