वो जो कैलाश के निवासी है,
और मरघट के वासी है।
जिनकी माया से ये श्रृष्टी है,
जिनकी माया भी अभिलासी है।
वो भोलेनाथ जी है मेरे.........
वो जो मेरे मन भी रहते हैं,
मेरे तन मे भी रहते है।
जिनकी भक्ति रक्त बनके,
मेरे नस नस मे बहते हैं।
वो भोलेनाथ जी है मेरे..........
वो जिनसे ज्ञानि भी जुड़ा है,
और अज्ञानि भी जुड़ा है।
जिनसे जुड़े थे श्री राम और,
रावण अभिमानी भी जुड़ा है।
वो भोलेनाथ जी है मेरे............
वो जिनकी भक्ति आसान है,
और माता शक्ति पहचान है,
उन त्रिलोकी महाकाल के,
भक्त भी स्वयं भगवान है।
वो भोलेनाथ जी है मेरे................
वो जिनका आदी न अंत है,
और वो ही अनंन्त है,
जो बसते हैं कण कण मे,
राम से लेकर रावण मे।
वो भोलेनाथ जी है मेरे.............
वो जिनको सभी भक्तो से प्यार है,
जिनके भक्तो मे भी भक्त अर्धनार है।
सब उनके हैं वो सबके हैं,
जिनकी महिमा अपरम्पार है।
वो भोलेनाथ जी हैं मेरे................
वो जो नागों के भी नागेश्वर हैं,
भुतों के भी भुत्तेश्वर है।
जिनका रौद्र रूप विकराल है,
जो कालों के काल महाकाल हैं।
वो भोलेनाथ जी हैं मेरे.................
वो जिनपे गंगा की धारा है,
जिनको नंदी बहोत प्यारा है।
जिनका भष्म ही श्रिंगार है,
जल एवं बेल पत्र ही स्विकार है।
वो भोलेनाथ जी हैं मेरे...............
वो जो माह श्रावण मे आते हैं,
सभी भक्तों को बुलातें है।
जिनके भक्त भी भक्ति मे झूमे हर दम,
लगाके जयकारा और बोले बम बम।
वो भोलेनाथ जी हैं मेरे................
हे देवों के देव मेरे आराध्य मेरे महादेव मेरे गुरू देव मेरे सर्वेश्वर,विश्वेश्वर मेरे रोम रोम केवल आप ही बसते हैं।
मै #संतोस केवल सनातनी अपने समस्त कर्मों मेरे समस्त पाप एवं पुण्यों को आपके चर्णों मे समर्पित करता हूँ और केवल आपके मार्ग का ही अनुसरण करता हूँ।
हे भोलेनाथ जी बिना आपके मै कुछ भी नही और आपके आशीर्वाद से मुझसा कोई नही हे कृपानिधान हे भक्त वत्सल मेरे शिव मेरे एक मात्र भगवान मै सब मे आपको ही देखता हूँ और समस्त ब्रह्माण्ड मे केवल आप ही हैं।
अतः हे #महाकाल मेरे द्वारा अनजाने मे हूवे किसी भी #अनुचित_कर्मो से कृप्या नाराज़ न होना कठोर से कठोर दण्ड देना मुझे बस अपने चरणो से दुर न करना आप तो अंतरयामी हैं आप सब जानते मै और समस्त मानव एवं प्राणी आपके ही संतान है और हम सब काल के काल चक्र से बंधित हैं और कर्तव्य एवं सत्यमार्ग से भटक गये हैं दया करें परमेश्वर हमारा मार्ग दर्शन करें और अपने भक्तों की एवं श्रृष्टी की रक्षा करें सबका मंगल करें सबका कल्याण करें सबको सबबुद्धी दें बस यही प्रार्थना करता हूँ आप से।
श्रावण माह जैसे पवित्र माह मे आप धरातल पर निवास करते हैं मैने आपके स्वागत मे अपने अंतर मन से अपने भक्ति को आपको अर्पित करते हूवे आपके लिये एक आराधना एवं रचना लिखी है जिसे मै आपको समर्पित करता हूँ अपनी श्रद्धा पुष्प के रूप मे कृप्या स्विकार करें।
समस्त शिव भक्तों,मानवों एवं प्राणीयों को श्रावण माह एवं शिव जी की आगमन के अवसर पर कोटि कोटि बधाई एवं हार्दिक शुभकामनायें।
✍️ #संतोष_केवल_सनातनी