संतोष केवल सनातनी's Album: Wall Photos

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#चलो_न_कहीं_खो_जाते_हैं.......

चलो न कहीं खो जाते हैं
सब एक दूसरे हो जाते हैं।
हो चैन,अमन,खुशीयाँ जहाँ।
और प्रेम ही प्रेम की भाषा हो
हम एक ऐसी जहाँ बनाते हैं ।
चलो ना कहीं खो जाते हैं.........

पैरों से लेकर निगाहों तक
आशान से मुस्किल राहों तक।
जहाँ सब साथ निभायेंगे
छोड़ देते है उन राहों को जो नफ़रत सिखाते हैं।
चलो न कहीं खो जाते हैं...........

जहाँ सिर्फ मै और तुम हो
हम एक दुसरे मे गुम हो।
काम,क्रोध,अहंकार से दुर जहाँ सब मासुम हो
भुल जाते हैं उन्हे जो समझ नही आते हैं।
चलो न कहीं खो जाते हैं.............

ये प्रकृति और मानवता ही हमारी है
जहाँ पर्वतों का भी आस्माँ से यारी है।
वो आस्माँ भी झुककर ज़मीन से मिलता है
जिसका प्रेम फुल बन कर ज़मीन पर खिलता है।
हम उन्ही फुलों की तरह महक जाते हैं
चलो न कहीं खो जाते हैं...........

जहाँ बस चिड़ीयों को चहचहाना हो
हर पल मोहब्बत का तराना हो।
जहाँ सब जाना पहचाडना हो न कोई बेगाना हो
जो रूठे हैं चलो उन्हे भी मनाते हैं।
चलो न कोहीं खो जाते है..............

जहाँ धर्म की न कोई लड़ाई हो
हम सब भाई भाई हो बेटीयाँ भी न पराई हों।
जिस दुनिया को सिर्फ ईश्वर ने बनाई हो
हम सब उसी ईश्वर के हो जाते हैं।
चलो न कहीं खो जाते हैं............

जहाँ बच्चे भी सिर्फ बच्चे रहे
मन के अच्छे और सच्चे रहे
उन्हे बस मानवता और प्रेम ही पढ़ायेंगे
जो भविष्य मे केवल सनातनी कहलायेंगे
हम उसी सनातन की ओर जाते हैं।
चलो न कहीं खो जाते हैं #एक_नई_दुनीया बनाते हैं..........
✍️ #लेखक- #संतोष_सनातनी