#अपराधी केवल अपराधी होता है और #अपराध की भी केवल #सज़ा होती है ऐसा होने से मुझे कोई दुख नही है यही #विधान है और यही #संविधन भी होना चाहीये।
मुझे दुख है आठ पुलिस वालों की मृत्यु का वो जनता के रखवाले थे।
विकास दुबे मारा गया बहोत अच्छी बात है मगर क्या सरकार बतायेगी के विकास दुबे का अपराध स्वभाविक था या मौलाना साद और उसके जैसे अपराधीयों का जेहाद स्वभाविक था।
मेरे शब्द आपको नही समझ मे आयेंगे मगर स्पष्ट कहता हूँ के मौलाना साद और उसके जैसे को भी सरकार उनके अंजाम तक पहोंचाये ये #दोहरा_चरित्र बर्दास्त नही होगा।
या इसे ये समझूँ के केवल सरकारी कर्मचारीयों,पुँजीपतियों और नेताओं के जान का ही महत्व है और जनता के जिवन का कोई महत्व नही। विकास दुबे ने पुलिस वालों को मारा और वो एक अपराधी था तो मौलाना साद ने देश,देश की जनता और संविधान के साथ खिलवाड़ किया और वो एक जेहादी है फीर भी अभी तक न्याय क्यों नही हूआ।
खैर मेरी नज़र मे तब तक ये न्याय नही बदला है उन आठ पुलिस वालों के मृत्यु का जब तक सभी अपराधीयों को सज़ा नही मील जाती निश्पक्षता के साथ।
जय भारत, वंदेमातरम, जय संविधान