सभी मित्रों को जय जय श्री राम...
बाबा रामदेव जी और मोदी जी के तीन दुर्भाग्य हैं -
1. दोनों भगवा पहनते हैं. 2. दोनों पिछड़ी जाति के होने के बाबजूद भी भगवा पहनते हैं, जिससे वामपंथी, सेकुलरों के साथ साथ कुछ अपने ही उन्हें नापसंद करते हैं.
3. एक बडबोले दूरदर्शी हैं तो दूसरे सहनशील, धैर्यवान दूरदर्शी हैं, जिससे सबको खुलकर उनको गाली देने का बहाना मिल जाता है.
किंतु आज के समय में सनातन धर्म एवं समाज के लिए इन दोनों के जैसा योगदान किसी और का नहीं है. हमने तो अपने सबसे संपन्न वेदों तक को भुला दिया था? पतंजलि क्या चीज थे?? आयुर्वेद तो था, लेकिन संघर्ष करता हुआ.
ये केवल और केवल बाबा रामदेव और मोदी जी हैं, जिन्होंने इन दोनों को जन जन तक पहुंचाया है.