Dheeraj Tiwari's Album: Wall Photos

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सन 1971 में मारुति लिमिटेड का कंपनी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकरण हुआ था ।
हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री बंशीलाल चौधरी ने इस कंपनी को फैक्ट्री लगाने के लिए 290 एकड़ जमीन कौड़ियों के भाव दे दिया ।
बंशीलाल यहीं नही रुके....उन्होंने इस जमीन की वास्तविक कीमत को छुपाने के लिए सरकारी कर्ज़ भी दिया ।
बदले में बंशीलाल को प्रधानमंत्री के सबसे करीबी लोगों में स्थान मिला और वे 1975 से 1977 तक केंद्र में रक्षा मंत्री रहे ।
इतनी सरकारी मदद और सुविधाओं के बाद भी कंपनी चल नही पाई । एक के बाद एक घोटालों की श्रृंखला के बाद सन 1977 में यह कंपनी परिसमापन में चली गयी ।
जस्टिस ए. सी. गुप्ता की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन हुआ जिसकी रिपोर्ट 1978 में सौपी गयी।
1982 में इंदिरा गांधी की सरकार ने आनन-फानन में "मारुति उद्योग लिमिटेड" का गठन किया और "मारुति लिमिटेड" को ऊंची कीमत देकर अधिगृहित कर लिया ।

1981 में मारुति के एम.डी.की मृत्यु के बाद "मारुति उद्योग लिमिटेड" का जापान की कार निर्माता कंपनी सुजुकी के साथ संयुक्त-उद्यम का करार हुआ और 1983 में मारुति-सुजुकी की पहली कार मारुति 800 भारतीय बाजार में उतारी गई।

मारुति लिमिटेड के पहले एम.डी. तथा संस्थापक का नाम #संजय_फ़िरोज़_गांधी था । वो भी #रॉबर्ट_वाड्रा की तरह ज़मीन से जुड़े व्यक्ति थे । वाड्रा की तरह उन्हें भी हरियाणा से बहुत लगाव था ।