त्रिलोकसार जैन ग्रंथ में पाईथोगोरस?
पाईथोगोरस प्रमेय - समकोण त्रिभुज में सबसे बड़ी भुजा कर्ण का वर्ग उसकी अन्य दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है
यही बात आचार्य नेमीचंन्द्र महाराज ने 1050 साल पहले त्रिलोकसार की गाथा 122 में लोक का परिमाप ज्ञात करने के लिए कही।।