ब्रिटेन के संसदीय समूह, जिसने पाक अधिकृत कश्मीर का दौरा किया और भारत के विरुद्ध बढ़-चढ़कर आलोचनात्मक वक्तव्य दिये थे। 370 हटने पर भारत विरोधी झूठे दावे किए थे कि कश्मीर में भारत ने 13,000 लड़कों को उठाकर बंदी बना लिया है,
अब उसी संसदीय समूह की सदस्या और ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम ने स्वीकार किया है कि उसे ऐसा करने के बदले में पाकिस्तान सरकार से 30 लाख पाकिस्तानी रुपये मिले थे।
सोचिये जब ब्रिटिश पार्लियामेंट के सदस्यों को पाकिस्तान सरकार खरीदकर उनसे भारत विरोधी प्रोपगोंडा चलवा सकती है और उनसे वैश्विक मीडिया के समक्ष भारत विरोधी वक्तव्य दिलवा सकती है।
तो फिर वो विदेशी मीडिया हाउस, पत्रकार और प्रोफेसर जो अक्सर ही आपको भारत के प्रति झूठा, नकरात्मक, जहरीला, नैरेटिव चलाते हैं उन्हें पाकिस्तानी सरकार द्वारा खरीदकर उनसे भारत विरोधी वक्तव्य दिलवाना कौन सी बड़ी बात है।
विदेशों में भारत विरोधी नैरेटिव प्लांट करने हेतु इसी प्रकार पाकिस्तान द्वारा वहां के राजनेताओं, मीडिया और बुद्धिजीवी चिंतक व् विचारकों को खरीदकर उनसे ऐसे भारत विरोधी वक्तव्य जारी करवाकर भारत के विरुद्ध समय समय पर निरंतर ऐसा टारगेटेड स्मियर कैंपेन चलाया जाता है।