सन्जीव मिश्र's Album: Wall Photos

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ये सिद्दी जनजाति के लोग हैं ... इनकी मुख्य बसाहट कर्नाटक,गुजरात और कुछ हैदराबाद में है। नैन-नक्श से ये भारतीय जान नहीं पड़ते.. और है भी नहीं.. जो आप देख के समझ रहे हैं वही है.. मल्लब कि अफ्रीकन है।... तो अफ्रीका में कहां से ?? तो मोस्टली ये इथियोपिया के हैं और 'बंटू ट्राइब' से संबंध रखने वाले लोग हैं।.. तो ये भारत में कैसे आये ??
मैंने कुछ दिन पहले 'अरब स्लेवरी' के ऊपर एक सीरीज चलाई थी.. जिसमें कैसे ये अरब क्रूरतम तरीके से इन्हें अफ्रीका के जंगलों से निकाल कर स्लेव बनाते थे और इन्हें बेचते थे और कैसे इनकी मंडियां लगती थी.. और उसमें बताया था कि इनका व्यापार भारत के पश्चिमी तट तक भी था। इन्हें अरब के सय्यद सब ही ज्यादा गुलाम बनाते थे और जहाजों में भर एक पेटी समान जिसे 'सिद्दी' कहा जाता है उसमें ठूंस के एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते थे और बेचते थे.. इसलिए ये भारत में 'सिद्दी' कहलाये।.. इस शब्द से आप ज्यादा फैमिलियर न हो तो 'हब्शी' शब्द तो सुने ही होंगे.. पाकिस्तान समेत ईरान (परसिया) इराक अफगानिस्तान में ये सिद्दी इसी नाम से जाने जाते हैं।
ये भारत में पहले पहल 628 ई में आये गुलाम के तौर पे... पहला इस्लामिक आक्रमण सिंध प्रांत में मुहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में जो हुआ था उसमें ये सिद्दी गुलाम प्रमुख सैनिक में से थे।.. वैसे इनका उपयोग सैनिकों में ही ज्यादा किया जाता था।... वही लोग आज पाकिस्तान में भी और भारत में भी।

इतने सालों से यहाँ रहते हुए यहाँ के आम जन-जीवन में ढल गए.. लोकल लैंग्वेज अच्छे से बोल लेते हैं.. परिधान भी मोस्टली अडॉप्ट कर लिए है... ये प्रमुखता से इस्लाम को मानते हैं और कुछ हिन्दू भी है और कुछ का रिसेंट में कैथोलिक में धर्मांतरण भी हुआ है।
सबसे जरूरी बात कि इन्हें भारत में और संविधान के अनुरूप इन्हें ST कैटेगरी में रखा गया है।और इन्हें लाभ भी मिलता है।

इनका जिक्र क्यों आवश्यक हो गया भला ???
क्योंकि मालूम है न क्या माहौल चल रहा भारत में ... फलना हिन्दू नहीं है ढेकना हिन्दू नहीं है.. जो हिन्दू हैं उनको ST कहना महापाप है.. ST का सबकुछ अपना होता है... तभी वो ST है... ऐसा माहौल झारखंड में गजब्बे उफान पर है.. और ऐसा हो-हल्ला चिल्लम पो करने वाले हलेलुइया ब्रिगेड वाले सबसे आगे है.. !! अरे भइया! क्लियर कर लो न कौन क्या है ?? फलाना हिन्दू है फलाना हिन्दू नहीं है.. और जब जवाबी फायरिंग करो कि चलो मान लिया कि फलना हिन्दू नहीं है तो फलना हलेलुइया भी है क्या ??? तब ये संविधान का हवाला देना शुरू कर देंगे, आर्टिकल अनुच्छेद गिनाना शुरू कर देंगे कि संविधान अच्छे से पढ़ो .. सबको रिलीजियन की आज़ादी है।.. अरे वाह रे संविधान के जानकार हलेलुइया।

दूसरा विदेशी-विदेशी .. युरेशियन .. और अब आदि किसान का अलगे कंसेप्ट 'थाई-चम्पाई' का रोना रोने बैठ जाते.. इन सबको बाहर करो ... बाहर करो भाई.. बिंदास बाहर करो ... लेकिन ये आये कब तो मोटा मोटी हिसाब किताब लगा के 5 हजार साल हाथ में रख देते... लेकिन ये सिद्दी लोग आक्रमणकारियों के साथ आये.. 1400 साल पहले आये लेकिन ये विदेशी न है.. इनके ओरिजिनल ट्राइब भी पता है कि ये बंटू ट्राइब के लोग हैं.. अफ्रीकन है.. इस्लाम को फॉलो करते हैं इसके बावजूद भी ये यहाँ के ST हैं.... तो किधर है भाई लोकुर कमेटी के 5 ट्रेट्स ??? यहां लागू नहीं होता क्या ????

Ganga Mahto

गजनवी की सेना में सिद्दी गुलामों की संख्या अच्छी खासी थी , सिंध पर हुए गजनवी के आक्रमण और विध्वंस के बारे में यहाँ पढ़ें -
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2198753953495517&id=1321008927936695

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।। जय श्रीराम ।।
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