खाद्य सामग्री में शाकाहार का अपना महत्व है। शाकाहार का सेवन ही उचित जीवन मूल्यों को प्रदत्त करने वाला है। मांसाहार का प्रयोग प्रायः उन भूक्षेत्रों में प्रारम्भ हुआ ,जहां शाकाहार की न ही उत्पत्ति संभव थी न ही संभावना। कोरोनाकल भी इसी विषय का सूचक है कि मासाहार ही समय समय पर विभिन्न वायरस का जनक रहा, उदाहरणार्थ: इबोला, स्वाइन फ्लू, कोरोना,इत्यादि। तो मेरा पवित्र भारत भूमि के समस्त निवासियों से सादर आग्रह की आइये इस #विश्व_खाद्य_दिवस पर हम शपथ लें कि खाद्य पदार्थों की उत्कृष्टता को बनाये रखने हेतु अपने कृषक भाइयों को अधिकादिक सहयोग प्रदान कर विश्व के भरण पोषण के लिए कृत संकल्पित हो भारत की अग्रणी भूमिका में अपना सहयोग प्रदान करेंगे।