प्रमोद गुप्ता's Album: Wall Photos

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मित्रो जब तानाजी फिल्म देखने गए थे तब एक ही बात दिमाग में चल रही थी की अगर तानाजी के बलिदान पर बनी फिल्म पर देश भर के हिंदूवादी एक हुए जा रहे हैं हर मल्टीप्लेक्स में और जय भवानी जय शिवाजी के नारे लग रहे हैं तो जिस दिन संभाजी राजे पर फिल्म बनेगी उस दिन क्या होगा?

वामियो के झूठे इतिहास और मुगलों की महानता के सारे मुखौटे उतर गए जाएंगे एक बार कल्पना करिए फ़िल्म में जब तानाजी को यातनाएँ दी जा रही थी तो सोचिये संभाजी राजे को कैसे 40 दिनों तक तड़पा कर मारा गया होगा??

एक दिन एक नाखून नोचा जा रहा है अगले दिन दूसरे नाखून को फिर उसी समय दूसरे घावों पर भी नमक और मिर्च लगा कर राजे को तड़पाया जा रहा है हर सुबह उनके मनोबल को तोड़ने के लिए मुगल औरंगजेब का संदेश आता है की ऐ संभाजी इस्लाम कबूल कर ले एक भी क्षण देर न कर।

वो जगदंब - जगदंब का जाप और तेजी से दहाड़ कर करने लगते पीटते पीटते नराधम मुगल थक जाते लेकिन सिंह पुत्र है ऐसे कैसे हार मान लेता?
40 दिन बीत गए लेकिन उन्होने इस्लाम नहीं कबूल किया और सनातन धर्म के लिए बलिदान हो गए।

वास्तव में जीना सीखना है तो छत्रपति की तरह जियों और मरना सीखना है तो संभाजी राजे से सीखो।

जय भवानी
जय शिवाजी