मैं हमेशा कहता आया हूँ कि हिंदुत्व को धर्मयोद्धा चाहिये गुंडे नहीं परंतु कुछ फेसबुकिये जिनका अपनी जीभ पर काबू नहीं है वे 'शठे शाठ्यम समाचरेत' का उच्चारण ऐसे करते हैं जैसे ये कृष्ण के समान क्षमतावान हैं और यही कारण है फेसबुक पर ऐसे गुंडों की भारी तादाद है जो हिंदुत्व रक्षा के नाम पर अश्लील गालियाँ देते हुये इसे 'हिंदुत्व की रक्षा' का नाम देते हैं लेकिन वस्तुतः ये सिर्फ हिंदुत्व की बदनामी और शर्मिंदगी का वाइस बनते हैं।
फेसबुक की ही भांति स्थानीय स्तर पर भी चवन्नी छाप अनपढ़ नेताओं की शह पाये हुये गुंडे पाये जाते हैं जो प्रायः ऐसा कार्य करते हैं जिनके कारण हिंदुत्व को बदनाम करने वालों को मौका मिल जाता है।
कुछ ऐसा ही है यह गुंडा #अरुण_पाठक जिसने नेपाल-भारत संबंधों के संवेदनशील दौर में आग में घी डालने वाला काम किया है।
इसने इस नेपाली नागरिक के सिर पर श्रीराम नहीं भारत नेपाल के राजनीतिक संबंधों का मर्सिया लिखा है। इस मूर्ख को नहीं पता कि इसने क्या कर डाला है?