प्रमोद गुप्ता's Album: Wall Photos

Photo 183 of 231 in Wall Photos

मैं अपनी इस बात पे अभी भी कायम हूँ कि 95% औरतों को खाना इसलिये बनाना नही आता क्योंकि उनके घर के पुरुष खाना खाना ही नही जानते ।

ज़्यादातर लोग ये जानते ही नही कि वो बहुत बहुत बहुत घटिया Tasteless भोजन खा रहे हैं ।
ज़्यादातर लोग बहुत अच्छे खाने और बहुत बुरे खाने के बीच अंतर नही कर पाते ।
ज़्यादातर लोग ये जानते ही नही कि उनकी माताएं , बहनें , भाभी या पत्नी बहुत बुरा भोजन पकाती हैं , इतना बुरा कि उसे कुत्ता भी न खाए ।

मैं ये बात बाकायदे तथ्यों के साथ सिद्ध कर सकता हूँ ।

मेरे स्वर्गीय ससुर जी श्री परशन लाल जी एक master baker थे । उनके उस्ताद अखंड भारत के शहर लाहौर के थे और एक पुरानी English Bakery जो लगभग 1845 में लाहौर शहर में एक अंग्रेज Baker ने शुरू की थी , उसमे As a Helper काम करते हुए उन्होनें Baking सीखी । फिर उन उस्ताद जी ने विभाजन से पूर्व जालंधर शहर में एक बेकरी शुरू की ।
उसी बेकरी में मेरे ससुर जी काम करते थे ।
कई साल संघर्ष करने के बाद भी जब बेकरी नही चली और बेकरी के मालिक उस्ताद जी के ऊपर काफी कर्ज़ हो गया जिसमें एक मोटी रकम उनके Workers की salary भी थी तो वो बेकरी मेरे ससुर जी को दे के चले गए ।
धीरे धीरे वो बेकरी चल निकली ...... 50 - 60 - 70 और 80 के दशक तक वो जालंधर की सबसे अच्छी बेकरी थी । 89 में जब मेरा विवाह हुआ तो मेरी पत्नी अपने पिता जी के हाथ के बने cakes , pastries , patties , और एक से बढ़ के एक शानदार cookies मुझे खिलाती थीं । फिर कालांतर में मेरी ससुराल पक्ष के सभी लोग जब England मरीका चले गए , ससुर जी का देहांत हो गया और बेकरी का प्रबंधन उनके भाई भतीजों के हाथ चला गया ।
हम भी जालंधर - पटियाला से माहपुर बनारस शिफ्ट हो गए । बेकरी पीछे छूट गयी ।
फिर एक दिन मुझे उस Dry Fruit केक की याद आयी जो ससुर जी अपने हाथ से खास मेरे लिये bake किया करते थे ।
मेरी पत्नी बेकरी से वही केक ले आयीं ......
अव्वल तो मैं केक की शक्ल देखके ही आशंकित हो गया ....... पहला bite लिया ....... इतना बेकार इतना घटिया कि क्या बताऊँ .......

उस बेकरी के एक बहुत पुराने बुजुर्ग worker से पूछा , कारण क्या है ? ये इतना खराब क्यों है ??????

वो बोले , अजी अब न वो बनाने वाले रहे न खाने वाले ....... पहले यही केक शुद्ध मक्खन में बनता था आजकल Refined में बनता है ......

मेरे एक मित्र हैं , वो बेकरी उद्योग को सारा Raw Material supply करते हैं । वो बताते हैं कि आजकल कोई मेहनत नही करता । हर चीज़ का premix उपलब्ध है बाज़ार में , घोला और Bake कर दिया ...... मक्खन की जगह Refined और Chemical Essence धड़ल्ले से डाला जा रहा है .......

एक और अपना अनुभव बताता हूँ ...... पटियाला में रहते थे । एक मित्र बोले चलो आटे की बिस्किट बनवा लाएं बेकरी से ....... हम भी लटक लिए ।
बेकर ने आटा , घी , चीनी दूध मंगाया था ।
मैंने इसके अतिरिक्त थोड़ा चोकर , सूखे नारियल का बुरादा , तिल और अजवायन भी डलवा दी .......क्या शानदार गज़ब बिस्किट्स बने ......
वही बिस्किट एक बेकरी का खाया ......इतना घटिया की कुत्ता भी न खाए ........

मेरा पहला सवाल ये कि लोग इटना घटिया माल स्वीकार कैसे कर लेते हैं ?????
खा कैसे लेते हैं ?????
शिकायत क्यों नही करते ?????
Reject क्यों नही करते ??????

दूसरा सवाल .....
अच्छी चीज और बहुत बुरी चीज के लागत मूल्य में बमुश्किल 5 - 10 रु का अंतर होता है ।
बस थोड़ा सा उद्यम ज़्यादा लगता है ......
फिर निर्माता इतना घटिया सामान क्यों बनाते हैं ??????

हम पिछले 20 दिन से अपने घर से ही Kitchen चला के बेहतरीन भोजन लोगों को Home Deliver करते हैं ।
बड़ा ही सुखद अनुभव रहा है ।
लोगों को हमारा भोजन बेहद स्वादिष्ट लग रहा है ।
उसका कारण है कि
1. हम अपनी सामग्री खुद बाज़ार से खरीदते हैं ।
2. हर चीज़ एकदम ताज़ी ही बना के देते हैं।
3. अपने गर्म मसाले खुद बनाते हैं और एकदम ताज़ा पीसते हैं । बाजार की सबसे अच्छी लौंग इलायची कालीमिर्च , दालचीनी , धनिया जीरा प्रयोग करते हैं ।
4. हमारे शाही गर्म मसाले का गुप्त फॉर्मूला एक मित्र ने दिया । वो मसाला ऐसा है कि उसकी सिर्फ एक चुटकी..... मने इतना जो दो उंगलियों के बीच आ जाये , सिर्फ इतना मसाला सब्जी के पड़ जाए तो 100 मीटर दूर महकता है ।
5. हमारे ग्राहक सब जानते हैं कि यहां ताज़ा भोजन मिलता है इसलिए ज़्यादातर orders हमें घंटों पहले मिल जाते हैं , कई बार तो एक दिन पहले मिल जाते हैं ।
6.हम अपने Customers को Personalized Service देते हैं । यानी प्रत्येक ग्राहक को उसके व्यक्तिगत Taste का भोजन उपलब्ध कराना ।
7.हमारे भोजन में शुद्ध दूध , दही , घी , मक्खन , पनीर और ताज़ी क्रीम का प्रयोग होता है ।
हम अपने भोजन में ताज़ी क्रीम और मक्खन का कुछ ज़्यादा ही प्रयोग करते हैं ।

इतने दिन काम करने के बाद मुझे ये अनुभव हुआ कि आज बाजार में अच्छे स्वादिष्ट भोजन सामग्री की इतनी भारी किल्लत है और इन रेडीमेड भोजन देने वालों ने क्वालिटी इतनी ज्यादा गिरा दी है कि यदि आप सचमुच Quality product बाज़ार में उतार दें तो वो बहुत जल्दी सफल हो जाएगा ।

बाज़ार खाली पड़ा है ।
एक बहुत बड़ा Vacuum है बाजार में , जिसे आप quality product बना के भर सकते हैं ।