ए हो क्या रहा है?
1.
कोई खान 800 km
से पैदल चलकर भगवान राम मंदिर की नींव के लिए राम जी की ननिहाल से मिट्टी ला रहा है।
और
2.
सहजाद पुनेवाला कह रहा है कि हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश कर रहा है खान।
अब ध्यान देने योग्य बातें -
1. अगर राम मंदिर हिन्दू मुस्लिम एकता नाम की कोई चीज थी तो 500 बर्ष किस से लडे , और फिर कोर्ट में किस से जीते। अभी तक लाखो हिन्दू क्यों मरे और किसने मारे।
2. इस से केवल यह सिद्ध होता है कि 100 साल बाद राम मन्दिर का संघर्ष भुलाकर ए बताया जाएगा कि राम मंदिर निर्माण में एक मुस्लिम ने मिट्टी डाली नींव में तब जाकर राम मनदिर बना।यह झूट आगे बताया जाएगा।
3 . जैसे अमरनाथ के दर्शन भगवान श्री कृष्ण ने भी किए है ऐसे कई प्रमाण मिले हैं।लेकिन हमको क्या बताया जा रहा है कि अमरनाथ गुफा की खोज एक मुस्लिम ने की जो कि सरासर गलत है।
4. हमें बताया जाता है कि देश की आज़ादी में हिन्दू मुस्लिम ने बराबर भाग लिया ।जबकि सच ए है कि मुस्लिमो ने 33% भाग भारत का विभाजन कर के पाकिस्तान के रूप में ले लिया ।तो फिर ए देश मुस्लिमो का कैसे हो गया।
नोट- ये खान और सहजाद पुनेवाला सही में हिन्दू मुस्लिम एकता चाहते हैं तो सुबह कुदाल और फावड़ा लेकर मथुरा और काशी चले ओरंगजेब मस्जिद तोड़कर भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि मुक्त कराए
और ज्ञानवापी मस्जिद तोड़कर भगवान शिव को मुक्त कराए । और पूरा हिन्दू समाज इन दोनों के साथ फावड़ा और तस्सल लेकर चलने को तैयार है।
नहीं तो हिन्दू मुस्लिम एकता के नाम पर हिन्दुओं को मूर्ख बनाया जा रहा है । और इसमें एक घोर षडयंत्र की बू आ रही है जिस पर हिन्दुओं को गहराई से चिंतन करने की आवश्कता है।
मैं इसकी घनघोर निंदा करता हूं।
मंदिर मुस्लिमो के सहयोग से नहीं बन रहा बल्कि मुस्लिमो से कानूनी लड़ाई लडी है और सर्वोच्च न्यायालय से जीते हैं। तब बन रहा है। किसी के बहकावे में न आए।