कोरोना से जनता अब खुद लड़ेंगे क्योंकि साहब अब चुनाव रैली करेंगे।
जब मरीज एक सौ दो सौ या दस सौ था, तब जनता घर मे और साहब कोरोना के खिलाफ जंग के लिए मैदान में थे। अब जब कोरोना का मरीज ढाई लाख पर पहुँच चुका है तो साहब अपने 1 साल की उपलब्धि बताकर जश्न मनाएंगे। और जनता अब कोरोना से स्वयं लड़ेंगे क्योंकि साहब अब चुनावी रैली करेंगे सरकार बनाने के लिए रणनीति बनाएंगे।
राज्यसभा में सदस्य बढ़ाने के लिए जोड़तोड़ अपनाएंगे और बड़े वाले साहबजादे अपने विधायक को रिजॉर्ट में शिफ्ट कर खुद सड़क पर बैठकर ड्रामा पसारेंगे।