एक तरफ हम चीन को सबक सिखाने के लिए चीनी समानों का बहिष्कार तो कर रहे हैं लेकिन वंही दूसरी ओर हम 21 वीं सदी के इस आधुनिक युग की ईस्ट इंडिया कंपनी फेसबुक और ट्वीटर का गुलाम भी बनते जा रहे हैं।
किसी दूसरे देश मे बैठा ये कंपनी आज हमारे देश का मुद्दा तय करता है क्या गलत क्या सही फैसला तय करता है एक समर्थन में एजेंडा चलाता है और दूसरे के अधिकार का अतिक्रमण करता है ।
आज आप माने या ना माने हम जाने अनजाने में हीं सही इस ट्वीटर और फेसबुक का ठीक उसी तरह से गुलाम बनते जा रहे हैं जिस तरह से कभी देश ईस्ट इंडिया कंपनी का गुलाम बन गया था और ये कंपनी हम पर आज ठीक उसी तरह से हावी हो रहा है एजेंडा वही है बस तरीका नया है।
कोई वेरीफाई एकाउंट से भी भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का अपमान कर वाह वाही लूटते रहता है। देश विरोधी एजेंडा चलाते रहता है, गाली गलौज करते रहता है, और ट्विटर मूक बना रहता है लेकिन वंही दूसरी ओर से थोड़ी सी जवाबी करवारई या तिलमिला कर एकाउंट सस्पेंड कर देता है । भारत के किसी भी मंत्रालय का जल्दी बात भी नही सुनता है ।
ईस्ट इंडिया कंपनी भी हमारे यंहा व्यापार करने हीं आया था और आज के इस टेक्नोलॉजी के युग में कोई भी किसी को बंधुआ मज़दूर तो बना नही सकता है तो वह टेक्नोलॉजी के माध्यम से हीं किसी पर अपना प्रभाव बनाता है और जिस में अब तक ये सब होता आया कामयाब है।
आत्म निर्भर भारत खुद क्यों नही बनाता अपना कोई ऐसा डिजिटल प्लेटफार्म जो दे सके ट्विटर फेसबुक और tiktok ऐसे प्लेटफार्म को मात।
अमूल ने चाइना सामान के खिलाफ आग ट्वीटर को लगा सीधे एकाउंट सस्पेंड कर दिया फिर जाकर बहाल किया लोगों की गुस्से को देखकर मतलब ट्वीटर ने अपना एजेंडा जाहिर कर दिया है थिक इसी तरह फेसबुक ने कपिल मिश्रा के बयान को भड़काऊ तो माना लेकिन देश जलाने की बात करने वाले देश मे अमेरिका जैसी हालात बनाने वाले पर मूक बना रहा है यह सिर्फ एक उदाहरण है आये दिन ऐसी घटना होते रहने आम बात है।