2019 चुनाव से पहले केरल सरकार ने मदरसा वेलफेयर बोर्ड बनाया जिसमें 200000 मौलवियों को ₹7500 के हिसाब से पेंशन, मदरसा बिल्डिंगों का खर्च और टीचरों का वेतन जारी किया गया. केरल HC के बेंच जिसमें एक मुस्लिम जज भी हैं ने पूछा सेकुलर कांस्टीट्यूशन में इस तरह की व्यवस्था क्यों? केरल सरकार ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था यूपी और दिल्ली में भी है केरल और दिल्ली दोनों सरकारों के पास लोगों की जान बचाने के लिए वैक्सिंग का पैसा नहीं है लेकिन मौलवियों पर जमकर लुटाया जा रहा है. यूपी में भी मुलायम ने 2006 के आसपास इसी तरह की व्यवस्था कर दी थी जो 2017 तक चलता रहा. अखिलेश ने दो कदम आगे बढ़ते हुए मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए रामपुर का जौहर यूनिवर्सिटी को सरकारी संपत्ति घोषित किया और अभी जेल में सजा काट रहा आजम को आजीवन चांसलर बना दिया आजम और अखिलेश ने मिलकर रामपुर के मुसलमानों का जमीन हड़पना शुरू कर दिया। सरकारी जमीन भी आजम ने कब्जा कर लिया. 2017 में योगी का डंडा चला तो मदरसा और मुस्लिम राजनीति पर लगाम लगी. उन्हीं मदरसों को मदद मिलेगी जो सरकारी आदेश का पालन करेंगे.
1. अंग्रेजी विज्ञान और गणित अनिवार्य होगा
2.सीसीटीवी लगाए जाएंगे
3.राष्ट्रीय गान अनिवार्य होगा
4.15 अगस्त और 26 जनवरी को अनिवार्य रूप से मनाना होगा..
5.सेकुलर एजुकेशन अनिवार्य होगा.
6. देश के विकास के बारे में जानकारी देनी होगी.
बहुत हल्ला मचा लाखों मदरसों की मान्यता खत्म कर दी गई.अभी भी हों रही है..
असम ने दो कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि मदरसों में राज्य शिक्षा परिषद के विषय पढ़ाई जाएंगे. धार्मिक शिक्षा नहीं होगी वरना मदद बंद. ईसाई स्कूल भी राज्य सरकार का विषय पढ़ाते हैं. SC ने CMI फाउंडेशन केस ने भी कहा है अगर आप सरकार से वित्तीय मदद लेते हैं तो राज्य बोर्ड को अपनाना होगा. हर राज्य के मदरसा एजुकेशन बोर्ड को राज्य एजुकेशन बोर्ड में मर्ज कर देना चाहिए और सरकारी निर्देश पर नियुक्ति और शिक्षा व्यवस्था बने. केरल हाईकोर्ट ने कहा यूपी में मदरसों को सेकुलरिज्म और राज्य शिक्षा बोर्ड अपनाने को आदेश दिया गया है केरल के मदरसे सिर्फ इस्लाम को बढ़ावा दे रहे हैं इसके लिए सरकार पैसा नहीं खर्च कर सकती. तो क्यों ना इस एक्ट को असंवैधानिक घोषित कर दिया जाए? और कर दिया जायेगा..